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चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या हुई 83, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन पहुंचे मुजफ्फरपुर

बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) के कारण मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां पर अब तक 83 बच्चों की मौत हो चुकी है. श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट सुनील कुमार शाही ने इसकी जानकारी दी. इधर स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन मुजफ्फरपुर पहुंच गए हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों के परिवार को 4 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणा की है. इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्राशसन और डॉक्टरों को इस बीमारी से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है.

वहीं दूसरी तरफ बिहार के गया में अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में गर्मी से 12 लोगों की मौत हो गई है. गया के जिलाधिकारी ने बताया कि मरने वाले 12 में से 7 लोग गया के हैं, 2 औरंगाबाद, 1 छात्र, 1 शेखपुरा और 1 नवादा के हैं. 25 मरीज यहां भर्ती हैं, हमारी कोशिश है कि उन्हें जल्द से जल्द ठीक किया जा सके.

गया के जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि अस्पताल में सभी पर्याप्त व्यवस्था कर दी गई है. 6 वरिष्ठ डॉक्टर और 10 इंटर्न को वहां तैनात कर दिया गया है. मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपए सहायता राशि दी जाएगी. जो भी परिवार बीपीएल श्रेणी कै हैं उन्हें अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपए भी दिए जाएंगे.

बता दें कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच ज्यादा है. डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है.

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