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चार रेलवे विश्वविद्यालयों की स्थापना होगी: मोदी

vns_modiवाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि रेलवे का निजीकरण नहीं होगा। इस बारे में कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं। रेलवे में निवेश का सही मतलब नहीं निकाला जा रहा है। सरकार रेलवे को मजबूत और सुविधा संपन्न बनाना चाहती है। डीजल रेल इंजन कारखाना की विस्तारीकरण परियोजना का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे से मेरा एक तरह से पारिवारिक रिश्ता रहा है। अब तक गरीबों की जेब से पैसा लेकर रेलवे को चलाया जाता रहा है लेकिन आगे ऐसा नहीं होगा। निवेश के जरिए इसे मजबूत किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में चार रेलवे विश्वविद्यालयों की स्थापना की जाएगी। इसमें पढ़ने वालों को रेलवे में नौकरी भी मिलेगी। मोदी ने कहा कि सरकार रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए कृत संकल्पित है। इसी कड़ी में सभी सांसदों से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी निधि का हिस्सा अपने क्षेत्र के स्टेशनों पर बैठने के इंतजाम में भी खर्च करें।
मेक इन इंडिया की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज तमाम चीजें विदेशों से मंगानी पड़ती है। यहां तक कि अश्रुगैस भी आयात करनी पड़ती है। हमें इस स्थिति को बदलना है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि डीएलडब्ल्यू में बने 4500 अश्व शक्ति के इंजन में 96 प्रतिशत पुर्जे स्वदेशी हैं। मोदी ने कहा कि मैंने रेलवे के अधिकारियों से कहा है कि बचे हुए चार प्रतिशत पुर्जे भी अपने देश में बनाने का इंतजाम करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने की ताकत है। उन्होंने रेल कर्मचारियों के कौशल विकास पर भी जोर दिया। मोदी ने कहा कि ऐसे स्टेशन चिह्नित किए जाने चाहिए जहां कौशल विकास केंद्र स्थापित हो सकें। वहां क्षेत्रीय युवकों को भी इसका लाभ मिलेगा और रेलवे की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि दुनियाभर का दम रेलवे में लाना हमारा ध्येय है। रेलवे को हमें आगे बढ़ाना है। उसे देश के आर्थिक विकास की रीढ़ बनाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

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