जीवनशैली

जब आपको मिले छोटी सी छुट्टी, तब इस तरह कर सकते हैं फील गुड

happy-life-55605694b7b7b_lए वर्ष का कैलेंडर आपके सामने आ चुका होगा। जाहिर है, आपने मन ही मन तरह-तरह की नई योजनाओं पर विचार करने के साथ-साथ छुट्टियों पर भी नजर डाली होगी। हर किसी को शनिवार के साथ शुक्रवार या रविवार के साथ सोमवार को भी पडऩे वाली बोनस छुट्टी भीतर तक गुदगुदा जाती है, क्योंकि ऐसे में लगातार दो या तीन दिन पसंदीदा जगह पर सैर-सपाटा करने का अवसर जो मिल जाता है। छोटी छुट्टियों का लुत्फ  उठाने के लिए न तो बड़े बजट की जरूरत पड़ती है और न लंबी प्लानिंग की।   

हो जाए छोटी सी यात्रा

आपके घर के आसपास दो-तीन घंटे की दूरी पर जरूर कोई घूमने-फिरने की जगह, प्रसिद्ध मंदिर या कोई पिकनिक स्पॉट होगा, जहां होटल या धर्मशाला आदि में ठहरने की व्यवस्था भी होगी। इन जगहों का पता लगाकर ट्रेन या बस से पर्यटकों की भांति वहां जा पहुंचें और दो दिन अपने शहर से दूर बिताएं।

पालतू को करें पैम्पर

कई बार आपकी व्यस्तता का खामियाजा घर में मौजूद पालतू को भुगतना पड़ता है। ये बेचारे उपेक्षित होने के बावजूद कुछ कह नहीं पाते। आपका प्यारा तोता हो, बिल्ली हो, कुत्ता हो या रेनबो बड्र्स हों, इन सबको आपका प्यार भरा स्पर्श और लाड़ चाहिए होता है। छुट्टी के दिनों में इनकी देखभाल करें।

हॉबीज को दें उनका हक

कभी बिजनेस या प्रोफेशन की भागदौड़ तो कभी गृहस्थी का तमाम व्यस्तताओं के बीच आपकी हॉबीज का दम सा घुट जाता है। चाह कर भी आप उन्हें समुचित समय नहीं दे पातीं। ऐसे में दो दिन की छुट्टी मिल जाए तो शुरुआती दो-चार घंटे में पेंडिंग कार्यों को निपटाने के बाद आप अपनी हॉबीज को उनका हक दे सकती हैं। अगर आप तरह-तरह के पकवान बनाने की शौकीन हैं तो इन दिनों में बनाएं, खाएं और खिलाएं और घर के सदस्यों को अपना फैन बनाएं। आप बागवानी, लेखन, हैंडीक्राफ्ट, पेंटिंग, कढ़ाई कर सकती हैं।

आजमाएं एडवेंचर

ज्यादातर शहरों में एडवेंचर वाले टूरिस्ट प्लेस होते हैं। ऐसी जगहों में आप वाटर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, बंजी जंपिंग, स्कूबा डाइविंग, रॉक क्लाइंबिंग या माउंटेन बाइकिंग जैसी एक्टीविटीज एंजॉय कर सकती हैं। ये एक्टीविटीज तरोताजा कर देंगी।

कला का करें रसपान

अगर आप कला की कद्रदान हैं तो इन छुट्टियों में शहर के संग्रहालयों या कला दीर्घाओं का रुख करें। यहां प्राचीन शिल्पकला और पेंटिंग के नए-पुराने और नायाब नमूने देखने को मिलते रहते हैं। आप चाहें तो  हाट बाजार या ग्रामीण क्षेत्र में भी जा सकती हैं।

दोस्तों के साथ मौज-मस्ती

कई बार लंबा समय बीत जाता है, लेकिन दोस्तों के साथ गप लड़ाने, मौज-मस्ती करने का वक्त नहीं मिल पाता। ऐसे में एक दो दिन की बोनस छुट्टी मिल जाए तो अपनी मित्र मंडली को घर पर बुलाकर मौज-मस्ती कर सकती हैं।

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