अद्धयात्म

जानिए कैसे एक दीपक दूर करेगा दुख-दरिद्रता और दुर्भाग्य

दीपज्योति: परब्रह्म: दीपज्योति: जनार्दन:. दीपोहरतिमे पापम संध्यादीपम नामोस्तुते॥ ज्योतिषशास्त्र में ऐसी परंपराएं चली आ रही हैं, जिनके पीछे तात्त्विक व वैज्ञानिक रहस्य छिपा है. भारतीय संस्कृति में दीप प्रज्जवलित कर ज्योत जलाने का बड़ा महत्त्व है. दीपक के बगैर हर शुभ काम अधूरा हर पूजा अधूरी. ज्योतिषी कमलनाथ बता रहे हैं, एक दीपक कैसे दूर करेगा दुख दारिद्र्य और दुर्भाग्य.

जानिए कैसे एक दीपक दूर करेगा दुख-दरिद्रता और दुर्भाग्यआने वाला कल कैसे होगा सुंदर

* नहाते समय देवी दुर्गा का ध्यान करें.

* स्नान करने के बाद हाथों पर थोड़ा सा घी लगाएं.

* मन ही मन ॐ दुर्गा दैव्ये नमः का जाप करें.

* संभवतः कुछ हरा पहने या जेब में हरा रुमाल रखें या मिश्री खाकर घर से निकलें.

* देवी मंदिर में अथवा घर के पूजास्थल में देवी दुर्गा का पूजन करें.

* देवी का पंचोपचार पूजा करें.

* दुर्गा चालीसा का पाठ करें.

* दुर्गा माता पर मेहंदी चढ़ाएं.

* दुर्गा माता पर नारियल मिश्री का भोग लगाकर प्रसाद लें.

तो चलिये अब जानते हैं बताएंगे एक दीपक कैस दूर करेगा दुख दारिद्र्य और दुर्भाग्य.

* शुभ कार्य से पहले दीपक जलाया जाता है.

* सुबह-शाम होने वाली पूजा में भी जलाया जाता है.

* शास्त्र में दीपक की लौ किस दिशा में होनी चाहिए इसके भी नियम हैं.

* पंचतत्व में दीपक को अग्नि का प्रतीक माना जाता है.

* दीपक जलाकर हम किसी भी काम में अग्नि को साक्षी बना लेते हैं.

* ज्योतिषशास्त्र में कृतिका नक्षत्र को अग्नि का प्रतीक माना है.

* कृतिका नक्षत्र नक्षत्र के देवता सूर्य है तथा इसके राशि स्वामी शुक्र है.

* ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सत्ताइस नक्षत्रों में यह तीसरा नक्षत्र अग्नि पुंज अर्थात दीपक है .

* अग्नि को त्रिमुखी कहा गया है.

* भगवान शिव के तीन नेत्र है पहला सूर्य दाहिना नेत्र, चंद्रमा वाम नेत्र & तीसरा नेत्र अग्नि है.

* मान्यतानुसार शिव ने विष्णु व ब्रह्मा को अपनी सर्वोच्चता सिद्ध करने हेतु खुद को महादीपम के रूप में परिवर्तित कर लिया था.

* अग्नि को त्रीमुखी और शिव स्वरूपा कहा गया है.

* इसी कारण शास्त्रों में शिवलिंग के सामने तेल के 3 दीपक जलाकर उनसे प्रार्थना की जाती है.

* तीन दीपक त्रिलोक, त्रिदेव, त्रिदेवी, त्रिभुवन और त्रिगुणकारी कहे गए हैं.

* शिवलिंग के निमित दीपक जलाने से सर्वाधिक फल मिलते हैं और दूर होता हैं दुख दारिद्र्य और दुर्भाग्य.

राशि अनुसार जलाएं ऐसा दीपक के दूर हो दुख दारिद्र्य और दुर्भाग्य

मेष: शिवलिंग के निमित चमेली के तेल का दीपक करें.

वृष: शिवलिंग के निमित गाय के घी में गुलाब का इत्र मिलाकर दीपक करें.

मिथुन: शिवलिंग के निमित कांसे के दिए में गाय के घी दीपक करें.

कर्क: शिवलिंग के निमित गाय के घी में चंदन का इत्र मिलाकर दीपक करें.

सिह: शिवलिंग के निमित ताड़ के तेल का दीपक करें.

कन्या: शिवलिंग के निमित गाय के घी में मेहंदी मिलाकर दीपक करें.

तुला: शिवलिंग के निमित नारियल तेल का दीपक करें.

वृस्चिक: शिवलिंग के निमित गाय के घी में सिंदूर मिलाकर दीपक करें.

धनु: शिवलिंग के निमित सूर्यमुखी के तेल का दीपक करें.

मकर: शिवलिंग के निमित तिल के तेल का दीपक करें.

कुंभ: शिवलिंग के निमित सरसों के तेल का दीपक करें.

मीन: शिवलिंग के निमित गाय के घी में केसर मिलाकर दीपक करें.

Related Articles

Back to top button