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जाने बिहार में नीतीश कुमार के मुकाबले में कहां खड़े हैं तेजस्वी यादव?

बिहार में ‘सुशासन बाबू’ यानी मुख्यमंत्री नीतिश कुमार का जलवा अब भी बरकरार है. लोकप्रियता के मामले में नीतीश कुमारअपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तेजस्वी यादव से कहीं आगे हैं. ये बातें इंडिया टुडे पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) के चौथे संस्करण से निकल कर सामने आई हैं.जाने बिहार में नीतीश कुमार के मुकाबले में कहां खड़े हैं तेजस्वी यादव?

नीतीश कुमार सूबे के मुख्यमंत्री पद की रेस में पहले पायदान पर हैं, जबकि तेजस्वी यादव दूसरे और सुशील मोदी तीसरे स्थान पर हैं. इसके अलावा राबड़ी देवी मुख्यमंत्री की रेस में चौथे नंबर पर हैं. इंडिया टुडे ग्रुप और एक्सिस माई इंडिया के ताजा सर्वे पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (पीएसई) के मुताबिक जेडीयू नेता नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद के लिए राज्य के 46 फीसदी लोगों की पहली पसंद हैं, जबकि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को 28 फीसदी लोग मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं.

इसके अलावा बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को सूबे के नौ फीसदी और राबड़ी देवी को सिर्फ एक फीसदी लोग ही मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में हैं. बिहार की मौजूदा सरकार के कामकाज की बात करें, तो सूबे के 38 फीसदी लोग नीतीश कुमार के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 24 फीसदी लोग उनके काम करने के अंदाज को ठीकठाक मानते हैं. साथ ही 34 फीसदी लोग नीतीश कुमार के कामकाज से खुश नहीं हैं.

अगर आरजेडी और जेडीयू के रिश्ते की बात करें, तो 35 फीसदी लोगों का कहना है कि आरजेडी का साथ छोड़ने से नीतीश कुमार की छवि को नुकसान पहुंचा है, जबकि 56 फीसदी इस बात को सिरे से खारिज करते हैं. सूबे के 49 फीसदी लोगों का मानना है कि जेडीयू नेता नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने से भ्रष्टाचार में कमी आई है, जबकि 40 फीसदी लोग ऐसा नहीं मानते हैं.

वहीं, बिहार में पीएम नरेंद्र मोदी का भी जलवा कायम हैं. वो पीएम पद के लिए बिहार के 58 फीसदी लोगों की पहली पसंद हैं, जबकि राहुल गांधी को सिर्फ 32 फीसदी लोग ही पीएम बनते देखना चाहते हैं. मौजूदा केंद्र सरकार के कामकाज की बात करें, तो बिहार के 48 फीसदी लोग पीएम मोदी के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 20 फीसदी लोग उनके कामकाज को ठीकठाक मानते हैं.

इसके साथ ही 28 फीसदी लोग पीएम मोदी के काम करने के अंदाज से संतुष्ट नहीं हैं. इसके अतिरिक्त सूबे के 89 फीसदी लोग चाहते हैं कि पेट्रोल और डीजल के दाम कम किए जाएं. वहीं, सूबे के 24 फीसदी लोगों का कहना है कि वो राफेल के बारे में जानते हैं, जबकि 76 फीसदी लोगों ने इससे इनकार किया है.

बिहार में यह सर्वे 22 से 26 सितंबर के बीच किया गया. इसमें 15,375 लोगों को शामिल किया गया. इनसे सीएम पद की पहली पसंद, नीतीश सरकार के कामकाज और चुनावी मुद्दे से जुड़े सवाल किए गए. अगर चुनावी मुद्दे की बात करें, बिहार के 53 फीसदी लोग स्वच्छता, 52 फीसदी लोग रोजगार, 50 फीसदी लोग पीने के पानी, 38 फीसदी कृषि और 32 फीसदी लोग महंगाई को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा मानते हैं.

मालूम हो कि 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के लिए 2015 में हुए चुनाव में JDU को 71 सीटों पर कामयाबी मिली थी. इस चुनाव में RJD को 80, BJP को 53 और कांग्रेस को 27 सीट हासिल हुई थीं.

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