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जीका वायरस के 3 और मामले सामने आए, संक्रमितों की संख्या हुई 44

तिरुवनंतपुरम: केरल में गुरुवार को जीका वायरस से तीन और लोग संक्रमित पाए गए हैं. इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि तीन मामले तिरुवनंतपुरम के हैं. संक्रमितों में मेडिकल कॉलेज के पास का 27 वर्षीय निवासी, 38 वर्षीय पेट्टा निवासी और अनायरा का तीन साल का बच्चा शामिल है. प्रेस को जारी बयान में बताया गया कि चिकित्सा विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला की जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई है. राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 44 हो गई, जबकि छह मरीजों का इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मरीजों को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है और फिलहाल सभी की हालत स्थिर है.

जीका, मच्छर-जनित वायरल संक्रमण है. ये मुख्य रूप से संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से मनुष्यों में फैलता है, जो दिन में काटता है. एडीज मच्छर से ही डेंगू, चिकनगुनिया और पीला बुखार का ट्रांसमिशन होता है. जीका वायरस गर्भवती महिला से उसके भ्रूण में गर्भवास्था के दौरान फैल सकता है. वक्त से पहले जन्म और मैसकैरेज समेत प्रेगनेन्सी की अन्य पेचीदगियों से भी उसका संबंध होता है. सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, जीका वायरस से संक्रमित शख्स बीमारी को अपने पार्टनर तक भी फैला सकता है.

जीका के लक्षण बुखार, स्किन पर चकत्ते और जोड़ में दर्द समेत डेंगू के समान होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जीका वायरस से संक्रमित अधिकतर लोगों में लक्षण नहीं होता, लेकिन उनमें से कुछ को बुखार, मांसपेशी और जोड़ का दर्द, सिर दर्द, बेचैनी, फुन्सी और कन्जंक्टिवाइटिस की समस्या हो सकती है. ये लक्षण आम तौर से 2-7 दिनों तक रहते हैं. वर्तमान में जीका वायरस संक्रमण का इलाज या रोकथाम करने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है. जीका वायरस संक्रमण को सिर्फ मच्छरों के काटने से बचकर ही रोका जा सकता है.

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