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जुवेनाइल बिल पर सरकार : बिल पूर्व मामलों पर लागू नहीं होगा, निर्भया केस में इससे मदद नहीं

parliament_650x400_51441793719 (3)नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप के नाबालिग दोषी की रिहाई के मद्देनजर जुवेनाइल जस्टिस बिल में बदलाव की मांग तेज हो गई है। इस बिल पर राज्यसभा में चर्चा शुरू हो चुकी है। कांग्रेस ने इस बिल का समर्थन करने की बात कही है, जिसके बाद आज इस बिल के पास होने की उम्मीद है। वहीं सरकार का इस बिल को लेकर कहना है कि यह पूर्व मामलों पर लागू नहीं होगा। इससे साफ है कि इस बिल से निर्भया मामले में मदद नहीं मिलेगी।

निर्भया के माता-पिता भी हैं मौजूद
बिल पर चर्चा के दौरान निर्भया के माता-पिता भी विज़िटर गैलरी में मौजूद हैं। उन्होंने आज संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से मुलाकात की। इससे पहले सोमवार शाम राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद से भी निर्भया के माता-पिता मिले थे और बिल पास होने में सहयोग की अपील की थी। नए बिल में रेप, मर्डर और एसिड अटैक जैसे गंभीर अपराधों में शामिल नाबालिगों पर भी बालिगों की तरह ही कानूनी कार्रवाई की बात कही गई है।

राहुल जी ने भी दिया है पास करवाने का आश्वासन : निर्भया की मां
इस मामले को लेकर निर्भया की मां ने कहा कि अगर यह बिल 5-6 दिन पहले पास हो गया होता तो मुजरिम आज बाहर नहीं होता। हमें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जी ने भी आश्वासन दिया है कि हम बिल को पास करवाएंगे।

निर्मला सीतारमण ने कहा, आज पास हो जाना चाहिए
वहीं बीजेपी नेता निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज जुवेनाइल बिल पास हो जाना चाहिए। आरोप-प्रत्यारोप का अब समय नहीं है। एकजुट होकर हमें ये बिल पास कर देना चाहिए।

तमाम दलों ने एक-दूसरे पर फोड़ा ठीकरा
राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘सरकार की नीयत नहीं है जुवेनाइल जस्टिस बिल लाने की। बिल को लाने में हो रही देरी के लिए सरकार जिम्मेदार है, विपक्ष नहीं। यह भी समझना जरूरी है कि यह बिल अगर इस सत्र में पारित हो भी जाता है तो इसका निर्भया केस पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’

वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘निर्भया मामले के दोषी किशोर की रिहाई के खिलाफ देश में स्पष्ट नाराजगी है। विधेयक तीन बार सूचीबद्ध किया गया, लेकिन कांग्रेस सत्र को चलने नहीं दे रही है और निर्भया को न्याय नहीं मिला।’ सपा नेता रामगोपाल यादव ने विधेयक पारित होने में देरी के लिए ‘राजनीति’ को जिम्मेदार ठहराया। तो माकपा नेता बृंदा करात ने कहा कि अगर कानून में संशोधन पारित हो भी जाता है तो भी यह इस सामूहिक बलात्कार कांड के किशोर दोषी के खिलाफ पिछली तारीख से लागू नहीं हो पाएगा।

 

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