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ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को पद से बर्खास्त कर दिया गया, विधायक ने दी थी धमकी

एजेन्सी/  NEW DELHI, INDIA- MARCH 13: Chief Minister of Chhattisgarh Raman Singh (C) gestures as he arrives to attend a party's Central Election Committee (CEC) meeting at BHP HQ on March 13, 2014 in New Delhi, India. BJP announced that Narendra Modi will contest elections from one seat in the state, without ruling out the possibility that he may fight on a second seat from Uttar Pradesh. The world's biggest democracy, announced the start of national elections from April 7 to May 12 with 814 million people set to cast their votes -- 100 million more than in the last elections in 2009 and results are expected to be announced on May 16 after counting. (Photo By Sonu Mehta/Hindustan Times via Getty Images)

छत्तीसगढ़ में एक हैरतअंगेज फैसले में सुकमा के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को पद से बर्खास्त कर दिया गया। राज्य सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार जनहित में यह फैसला लेते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया गया है। 

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने सुकमा के सीजेएम प्रभाकर ग्वाल को उनके पद से हटा दिया है। सरकार के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि यह फैसला सरकार का नहीं बिलासपुर हाईकोर्ट की ओर से लिया गया है। हाईकोर्ट ने कुछ दिन पहले ग्वाल को हटाने की संस्तुति की थी। हमने उनके आदेश का पालन किया। 

बता दें कि ग्वाल कुछ दिनों पूर्व उस समय अचानक सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने भाजपा विधायक रामलाल चौहान पर धमकी देने का आरोप लगाया था। ग्वाल ने 2011 के पीएमटी घोटाले में पांच लोगों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। ग्वाल का आरोप था कि इसके विरोध में ही विधायक ने उन्हें धमकी दी है। 

मामले में उनकी पत्नी ने भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि सरकार उनका उत्पीड़न कर रही है। इसी के विरोध में सरकार ने उनका तबादला सुकमा कर दिया। बीते एक अप्रैल को ही कोर्ट ने उक्‍त आदेश जारी किए।

 
 

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