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टॉप 5 IT कंपनियों के एंप्लॉयीज की संख्या में 8 साल में सबसे सुस्त बढ़ोतरी

देश की आईटी कंपनियों पर एंप्लॉयीज की संख्या बढ़ाकर आमदनी बढ़ाने के मॉडल पर दबाव बढ़ रहा है। कंपनियां इस मुश्किल से पार पाने के लिए ऑटोमेशन का अधिक इस्तेमाल कर रही हैं। टॉप 5 आईटी कंपनियों ने 2017 में 20,687 नए लोगों को काम पर रखा, जबकि इससे पिछले साल में अग्रीगेट लेवल पर 79,594 एंप्लॉयीज की बढ़ोतरी हुई है। 2017 में नए एंप्लॉयीज की संख्या पिछले 8 साल में सबसे कम रही। इन पांच कंपनियों में टीसीएस, कॉग्निजेंट, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल शामिल हैं। दिसंबर 2017 तक सैंपल में शामिल कंपनियों का कुल एंप्लॉयीज बेस सालाना आधार पर 1.9 प्रतिशत बढ़कर 11,34,415 हो गया। दिसंबर 2010 के बाद किसी भी साल में यह एंप्लॉयीज एडिशन में सबसे कमजोर ग्रोथ है।टॉप 5 IT कंपनियों के एंप्लॉयीज की संख्या में 8 साल में सबसे सुस्त बढ़ोतरी

ऑटोमेशन और डिजिटल प्लैटफॉर्म पर बेस्ड दूसरी टेक्नॉलजीज के जरिए कंपनियां क्लाइंट्स के लिए आईटी की कॉस्ट घटा रही हैं। इस वजह से आईटी कंपनियों को ट्रेडिशनल बिजनस मॉडल बदलना पड़ रहा है, जिसमें वे अधिक एंप्लॉयीज की मदद से आमदनी बढ़ाती थीं। आईटी कंपनियों का ध्यान अब नॉन-लीनियर ग्रोथ पर है, जिसमें रेवेन्यू ग्रोथ का एंप्लॉयीज की संख्या में बढ़ोतरी से लेना-देना नहीं है। 
इन पांच कंपनियों में विप्रो और कॉग्निजेंट के एंप्लॉयीज की संख्या में 2017 में सालाना आधार पर गिरावट आई है। टीसीएस ने पिछले साल 12,383 नए लोगों को काम दिया। नए रोजगार देने के मामले में वह इन पांच कंपनियों में सबसे आगे है, लेकिन न्यू एंप्लॉयीज की ग्रोथ के मामले में कंपनी का प्रदर्शन 2017 में पिछले 10 साल में सबसे खराब रहा। कम एंप्लॉयीज जोड़ने की वजह से टीसीएस की प्रति एंप्लॉयी रेवेन्यू में बढ़ोतरी हुई। इन पांचों आईटी कंपनियों का रेवेन्यू प्रति एंप्लॉयी 52,584 डॉलर रहा, जो दिसंबर 2009 के बाद सबसे अधिक है। उस वक्त इन कंपनियों की प्रति एंप्लॉयी आमदनी 41,740 डॉलर रही थी। 

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