राज्य

डीएम पर फूटा किसानों का गुस्सा, मुआवजे की रकम 1 करोड़ की

हिंसा के बाद मंदसौर के साथ-साथ रतलाम, नीमच ज़िले में मोबाइल इंटरनेट पर रोक

मंदसौर:  मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के पिपलियामंडी में मंगलवार को हुई हिंसा में पांच किसानों के मारे जाने के बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया है. मंदसौर में बुधवार को किसानों को समझाने के लिए पहुंचे डीएम पर भी किसानों का गुस्सा फूट पड़ा, उनके साथ धक्का-मुक्की हुई, जिसके चलते डीएम को वहां से जल्द से जल्द निकलना पड़ा. डीएम ने यहां भी कहा कि किसानों पर गोली चलाने का कोई आदेश नहीं था. मंदसौर के साथ-साथ रतलाम, नीमच ज़िले में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है ताकि अफ़वाहों से बचा जा सके. पूरे मंदसौर जिले में धारा 144 लगाई गई है. विरोध कर रहे किसान अपनी फसलों के लिए ज्यादा समर्थन मूल्य समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक किसान सड़कों पर हैं.
किसानों की मौत को लेकर सरकार दावा कर रही है कि पुलिस ने फायरिंग की ही नहीं. सूबे के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने खुद पुलिस फ़ायरिंग से ही इनकार कर दिया है. इधर, मृतक के परिवारवाले अंतिम संस्कार को राज़ी हो गए हैं. पहले वे सीएम के आने की मांग कर रहे थे. मरने वाले किसानों के परिवारों को दिए जाने वाला मुआवज़ा 10 लाख से 10 गुना बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने इस मामले में कांग्रेस पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया है. शिवराज ने कहा कि कांग्रेस इस मामले पर राजनीति कर रही है. उन्होंने जनता से शांति की अपील की है.

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