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ड्राई स्किन-हेयर फॉल न करें इग्नोर, ये हो सकते हैं खतरनाक बीमारी एसएलई का संकेत!

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/  recognizing-systemic-lupus-56a3257bb9721_lसिस्टमेटिक ल्यूपस एरिथेमाटोसस (एसएलई) ज्यादातर महिलाओं में होने वाली ऑटो इम्यून डिजीज है। यह दस में से नौ महिलाओं को प्रभावित करती है जिनकी उम्र अधिकतर 18-40 वर्ष होती है। इस रोग में हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज अपने ही अंगों के खिलाफ काम करने लगती हैं जिससे शरीर में सूजन, जोड़ों में दर्द और त्वचा में रूखापन आने लगता है। इसके अलावा आंख, फेफड़े, हृदय व किडनी को भी नुकसान होता है। लेकिन अधिक प्रभाव किडनी पर पड़ता है व ल्यूपस नेफ्राइटिस रोग हो जाता है जिसमें पेशाब के रास्ते प्रोटीन आने लगता है।

रोग की पहचान- लंबे समय से बुखार, जोड़ों में दर्द, त्वचा में रूखापन, बाल गिरने या मुंह में छालों की समस्या रहने पर  एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडीज (एएनए) व डबल स्टैंडर्ड डीएनए (डीएसडीएन) टैस्ट कराए जाते हैं ताकि एसएलई रोग का पता चल सके। इसके बाद यूरिन में प्रोटीन की जांच की जाती है। आमतौर पर यूरिन में प्रोटीन आने के कोई लक्षण नहीं होते इसलिए टैस्ट कराना जरूरी होता है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज का फौरन इलाज किया जाता है वर्ना यूरिन में ब्लड आने या किडनी के काम न करने जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। 

कई मामलों में मरीज की जान भी जा सकती है।अक्सर ऐसा माना जाता है कि पति अपनी पत्नियों से कई बातें छुपाते हैं। कभी पत्नी की तो कभी खुद की भलाई के लिए। लेकिन कई बातें ऐसी भी होती हैं जो पत्नियां बड़ी सफाई से अपने पतियों से छुपा जाती हैं। तो आइए जानते है आखिर क्या हैं वे बातें…

कई बार स्त्रियां पति के साथ रिश्ते, घर-परिवार, बच्चों से जुड़े फैसलों को लेकर परेशान हो जाती हैं। अगर ऐसे में उन्हें लगता है कि उनकी इस परेशानी को पति नहीं समझ पाएंगे, तो वे इससे छुटकारा पाने के लिए ‘थेरेपी सेशन’ लेती हैं और पतिदेव को इस बारे में नहीं बतातीं।

 

 

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