स्वास्थ्य

ताकत को बढ़ाती है यार्सागुम्बा, कीमत 60 लाख रुपए प्रति किग्रा

96555-yarsagumba-herbsई दिल्ली : आयुर्वेद में यार्सागुम्बा को जड़ी-बूटी की श्रेणी में रखा गया है जो हिमालय के ऊंचाई वाले इलाकों में मिलता है। दरअसल यह एक मृत कीड़ा है जिसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सेक्स पावर बढ़ाने के अचुक नुस्खे होते हैं इसलिए इसे हिमालयी वियाग्रा भी कहा जाता है। 

हिमालयी वियाग्रा यार्सागुम्बा दवा का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। जबकि अंग्रेजी वियाग्रा से हृदय कमजोर होता है। हालांकि यह दवा भारत में प्रतिबंधित है, लेकिन जहां यह मिलता है वहां इसकी कीमत करीब 60 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है।  

लोगों में यह भ्रांति है कि यार्सागुम्बा सिर्फ सेक्स पावस बढ़ाने के ही काम आता है। लेकिन आयुर्वेद का मानना है कि इसका उपयोग सांस और गुर्दे की बीमारी में भी होता है। यह बुढ़ापे को भी बढ़ने से रोकता है तथा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। हालांकि यह दवा भारत में प्रतिबंधित है

यार्सागुम्बा एक कीड़ा है जो समुद्र तल से 3800 मीटर ऊंचाई पर हिमालय की पहाड़ियों में पाया जाता है। वैसे तो यह कुछ मात्रा में भारत और तिब्बत में भी मिलता है पर मुख्य रूप से यह नेपाल में पाया जाता है। यह कीड़ा भूरे रंग का होता है जिसकी लम्बाई लगभग 2 इंच होती है। यह कीड़ा यहां उगने वाले कुछ खास किस्म के पौधों पर ही पैदा होते हैं।

इस कीड़े का जीवन काल लगभग छह महीने का होता है। सर्दियों में इन पौधों से निकलने वाले रस के साथ ही यह पैदा होते हैं। मई-जून में यह कीड़े अपना जीवन चक्र पूरा कर लेते हैं और मर जाते हैं। मरने के बाद यह कीड़े पहाड़ियों में घास और पौधों के बीच बिखर जाते है। 

यार्सागुम्बा के इन्ही मृत कीड़ों का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है। चूंकि भारत में यह जड़ी बूटी प्रतिबंधित श्रेणी में है इसलिए इसे चोरी-छिपे इकट्ठा किया जाता है। नेपाल में भी 2001 तक इसपर प्रतिबंध था पर इसके बाद नेपाल सरकार ने प्रतिबंध हटा लिया। 

 

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