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तो क्या अगले IPL में नजर नहीं आएंगे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी?

मीडिया में आ रहीं रिपोर्ट्स का मानी जाए तो ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट बोर्ड यानी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने अपने खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने से रोकने के लिए नया दांव खेला है। सीए ने अपने टॉप-5 खिलाड़ियों को आईपीएल में न खेलने के बदले में 3 वर्षीय कॉन्ट्रेक्ट की पेशकश की है। अभी इन खिलाड़ियों को 1 साल का ही कॉन्ट्रेक्ट मिलता है, जो हर साल रिन्यू होता है।
तो क्या अगले IPL में नजर नहीं आएंगे ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी?
यह खबर तब सामने आ रही है है जब बीसीसीआई फ्लोरिडा (अमेरिक) में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के साथ त्रिकोणीय श्रृंख्ला का आयोजन करने पर विचार कर रहा है। जिन पांच खिलाड़ियों को सीएन से निजी तौर पर बात ही है उनमें ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ, उपकप्तान डेविड वॉर्नर, तेज गेंदबाज पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड शामिल हैं।

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सिडनी के अखबार मॉर्निंग हेराल्ड की खबरे के अनुसार सीए के प्रदर्शन प्रबंधक पैट होवार्ड ने इन पांचो खिलाड़ियों से बात की और कहा कि यदि वो आईपीएल में न खेलें, तो उन्हें बोर्ड की तरफ से 3 वर्षीय कॉन्ट्रेक्ट मिलेगा। इसका मतलब है कि आगामी तीन वर्षों तक इन खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय टीम से कोई बाहर नहीं कर सकता।

इस वजह से CA ने खेला है दांव

गौरतलब है कि आईसीसी के चेयरमैच शशांक मनोहर आईपीएल के बड़े मुरीद नहीं है। हालांकि, प्रशासन समिति (सीओए) ने उन्हें फाइनल देखने के लिए न्यौता भेजा है। पूर्व सीएजी विनोद राय की अध्यक्षता वाले सीओए ने कहा कि अधिकारियों ने आईसीसी के बोर्ड सदस्यों से बात कर रेवेन्यू और गरवर्नेंस के मुद्दे पर बात की है। साथ ही प्रशासन समिति का मानना है कि क्रिकेट हित को ध्यान में रखते हुए आईपीएल जैसे टूर्नामेंट को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।

कुछ लोगों का मानना है कि भारतीय बोर्ड और आईसीसी के बीच टकराव के मद्देनजर अन्य बोर्ड अपने खिलाड़ियों का साथ सुनिश्चित करना चाहते हैं। इसके अलावा बीसीसीआई अमेरिका में भी क्रिकेट में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहती है। बीसीसीआई के सीईओ राहुल जोहरी ने कहा कि सुनने में आया है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के जेम्स सदरलैंड और ईसीबी के टॉम हैरिसन से त्रिकोणीय सीरीज पर बातचीत जारी है। हालांकि, वेस्टइंडीज की टीम को बुलाने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

आईपीएल को सुरक्षित रखने के लिए ही बोर्ड आईसीसी के साथ आक्रामक रुख नहीं बनाए हुए है। अब गेंद राहुल जौहरी के पाले में है कि वो त्रिकोणीय श्रृंख्ला पर सीए और ईसीबी क्या तय करते हैं।

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