उत्तर प्रदेश

दवा कंपनियों ने बंद की सप्लाई

लखनऊ: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में दवाओं का संकट आ खड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि सप्लाई बंद होने से असाध्य और बीपीएल मरीजों का निरूशुल्क इलाज ठप हो गया है। दवा कंपनियों का 20 करोड़ रुपए बकाया होने के चलते कम्पनियों ने दवाओं की सप्लाई बंद कर दी है। मेडिकल कॉलेज के खाते में शासन से सिर्फ 5 करोड़ 75 लाख रुपये पहुंचे। इसमें से मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने 3 करोड़ रुपए बिजली का बिल चुकाया और 2 करोड़ की दवाएं खरीदीं। अब शासन से पैसा नहीं आने से केजीएमयू कंगाली की हालत में आ गया है।जानकारी के मुताबिक, इस बार शासन ने केजीएमयू के लिए केवल 65 करोड़ रुपये बजट पास किया है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में केजीएमयू के लिए 99 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ था। बताया जा रहा है कि इस बजट से संस्थान में दवा, उपकरण और सर्जिकल आइटम्स की खरीद की जानी थी। हालांकि ये बजट भी अब तक संस्थान के खाते में नहीं आया इसकी वजह से केजीएमयू में एंटीबायटिक इंजेक्शन, ऑक्सीजन मास्क, ग्लव्स, रुई, सीरिंज, वीगो समेत जांच में उपयोग होने वाले कई महत्वूर्ण कैमिकल की कमी हो गई है।
इसकी वजह से गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों के इलाज में दिक्कत आ रही है। दवाओं की कमी की वजह से गांधी वॉर्ड और ट्रॉमा सेंटर में भर्ती गरीब मरीजों से बाहर से दवाएं और ग्लूकोज मंगवाया जा रहा है। वहीं क्वीन मेरी अस्पताल में सूचर, टेप, पट्टी और एंबुबैग तक नहीं मिल रहा है। दवा कंपनियों की केजीएमयू पर 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाएं और सर्जिकल आइटम का पैसा बकाया है। केजीएमयू के दवा स्टोर के जिम्मेदारों ने बताया कि कंपनी ने दवाओं की सप्लाई रोक दी है। हालांकि इसके लिए दवा कंपनी को रिमाइंडर दिया जा चुका है।

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