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दिल्ली, राजस्थान, उप्र समेत कई राज्यों में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ा, अब तक हुई 70 लोगों की मौत

राजस्थान में 1233, दिल्ली में 168, उप्र में 90, हरियाणा में 30 समेत देशभर में 1550 लोगों में स्वाइन फ्लू की हुई पुष्टि

नई दिल्ली : दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में स्वाइन फ्लू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। इस साल एक जनवरी से अब तक देशभर में 1550 से ज्यादा मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें से 70 मरीजों ने दम तोड़ दिया। इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित राजस्थान है जहां अब तक 1233 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें से 49 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में 168 मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। महाराष्ट्र में पिछले साल जहां 303 से ज्यादा लोगों की इस बीमारी के चलते मौत हो गयी थी, वहीं इस साल यह आंकड़ा शून्य है।

दिल्ली में स्वाइन फ्लू के 168 मामले, दो की मौत

दिल्ली में जनवरी महीने में स्वाइन फ्लू (एच1एन1) के 168 मरीजों की पुष्टि हुई है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र के अनुसार दिल्ली में 01 जनवरी से 13 जनवरी तक 168 केस पॉजिटिव पाए गए। डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में इस बीमारी के कारण दो लोगों की मौत हो गई। आरएमएल अस्पताल की जनसंपर्क अधिकारी स्मृति तिवारी ने सोमवार को बताया कि अस्पताल में एक से 20 जनवरी के दौरान स्वाइन फ्लू के 27 संदिग्ध केस आए, जिनमें से 14 निगेटिव पाए गए। इस बीमारी के कारण दो लोगों की मौत हो गई। स्वाइन फ्लू के तीन रोगियों को उपचार के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के अनुसार जनवरी में अब तक यहां 07 केस स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव पाए गए, जिसमें से चार लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। जबकि तीन का उपचार जारी है। सफदरजंग अस्पताल में बीते दिसम्बर में स्वाइन फ्लू के 08 केस पॉजिटिव पाए गए। इनमें चार लोगों की मौत हो गई थी। अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी दिनेश ने बताया कि यहां जनवरी में कोई भी केस स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव नहीं पाए गए हैं। दिल्ली के लोकनायक हॉस्पिटल में एक से 20 जनवरी के दौरान स्वाइन फ्लू के 15 संदिग्ध केस आए, जिसमें एक केस पॉजिटिव पाया गया।

राजस्थान में 1233 लोगों में पुष्टि, 49 की मौत

राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि वर्ष 2019 में राज्यभर में स्वाइन फ्लू के 5,367 सैम्पल की जांच की गई। इसमें से 1,233 मामले पॉजीटिव मिले। इनमें से 49 लोगों की मौत हो गयी है। राज्य में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए 21 जनवरी से 23 जनवरी तक सघन अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए नियमित रूप से टास्क फोर्स की मीटिंग हो रही है। स्वाइन फ्लू के दो ही उपचार है, एक तो टेमी फ्लू दवाई तथा दूसरा बचाव।

उत्तर प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मिले 90 मरीज

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई अन्य जिलों में स्वाइन फ्लू के मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों की संख्या 90 तक पहुंच गयी है। इनमें सबसे अधिक 11 मरीज लखनऊ में पाए हैं। लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश की राजधानी में अब तक 11 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इनमें से एक मरीज की मौत हो चुकी है और 10 मरीजों का उपचार अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। आगरा में 08, सहारनपुर में 03, कानपुर में 02, बरेली में 01, अयोध्या में 01 और रायबरेली के एक मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इसमें रायबरेली निवासी मरीज अशोक सिंह (46) की मौत 09 जनवरी को लखनऊ के एक निजी अस्पताल में हुई है। बरेली में भी एक मरीज की मौत स्वाइन फ्लू से हुई है।

हरियाणा में 30 से ज्यादा मरीजों में हुई पुष्टि

हरियाणा प्रदेश में हाल के दिनों में स्वाइन फ्लू से पांच मौतें हो चुकी हैं और 200 से अधिक संभावित मरीज मिले हैं जिनके खून के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। इसमें 30 से अधिक मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, जबकि शेष की रिपोर्ट आनी बाकी है। हरियाणा में स्वाइन फ्लू से मरने वालों में फरीदाबाद जिले में एन.एच.-5 निवासी ईश्वरचंद (75) और अंबाला की 32 वर्षीय एक महिला समेत तीन अन्य लोग शामिल हैं। सिर्फ पीजीआई में स्वाइन फ्लू के संभावित 120 मरीज पहुंचे हैं और शेष संभावित मरीज अन्य जिलों के अस्पतालों व निजी क्लीनिकों में इलाज करवा रहे हैं। स्वाइन फ्लू के मरीज फ़िलहाल फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, रोहतक व अम्बाला में प्रमुख रूप से मिले हैं । स्वाइन फ्लू के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए पूरा स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है और चिकित्सकों को इस बारे में उचित दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। स्वाइन फ्लू का इलाज करने के क्रम में पिछले साल 2-3 डाक्टर खुद पीड़ित हो गए थे इसलिए इस बार विभाग ने स्वाइन फ्लू का इलाज करने वाले डॉक्टरों को पहले ही प्रतिरोधक दवाइयां दे दी हैं ।

हिमाचल में दो की मौत

हिमाचल प्रदेश में इस साल जनवरी में अब तक 11 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, जिसमें दो मरीजों ने दम तोड़ दिया है। स्वाइन फ्लू के राज्य सर्वेक्षण अधिकारी डॉ. सोनम नेगी ने बताया कि मृतकों में 16 माह की बच्ची और 65 वर्षीय बुज़ुर्ग शामिल हैं। इन दोनों की चंडीगढ़ पीजीआई में मौत हुई। दोनों ऊना जिले के रहने वाले थे। एक जनवरी से 20 जनवरी तक प्रदेश में 89 लोगों के टेस्ट लिए गए। इनमें 11 मरीजों में स्वाइन फ्लू के लक्षण मिले, जबकि दो मरीजों की मृत्यु हुई। स्वाइन फ्लू के 11 में से आठ मामले कांगड़ा, दो सोलन और एक ऊना जिले से सामने आए हैं। इस साल जनवरी में जहां स्वाइन फ्लू की चपेट में आने वाले मरीजों की तादाद बढ़ी है, वहीं विगत वर्ष प्रदेश में केवल सात मरीज स्वाइन फ्लू की चपेट में आए थे और दो की मौत हुई थी।

उत्तराखंड में नौ मरीजों ने तोड़ा दम

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में स्वाइन फ्लू से अब तक नौ मरीजों की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है। राजधानी में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। राजधानी में अब तक नौ मौतें हो चुकी हैं, जबकि 15 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से तीन मरीज सिनर्जी, एक मैक्स और एक महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि अन्य पांच का विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है।

छत्तीसगढ़ में एक की मौत

छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के एक मरीज ने शनिवार को दम तोड़ दिया, जबकि रायपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती दो मरीजों में रविवार को इस बीमारी की पुष्टि हुई है। स्वाइन फ्लू से मरने वाले मरीज की पहचान भिलाई निवासी रामप्रसाद गुप्ता (58) के रूप में हुई है। इसके अलावा रायपुर के पचपेड़ी नाका स्थित निजी अस्पताल में दो मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हुई है।

महाराष्ट्र के पुणे में मिला स्वाइन फ्लू का एक मरीज

महाराष्ट्र में स्वाइन फ्लू के अब तक कई मरीज सामने आए हैं, लेकिन किसी मरीज की मौत की खबर नहीं है। पुणे में एक मरीज में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है, जबकि मुम्बई में अब तक एक भी मामला सामने नहीं आया। राज्य में स्वाइन फ्लू की स्थिति पर नजर रखने वाले डॉ. आवते ने बताया कि राज्य में स्वाइन फ्लू के कितने मरीज हैं, इस बारे में आंकड़ा अभी स्पष्ट नहीं है। वर्ष 2010 में स्वाइन फ्लू के 6118 मरीज पाए गए, जिसमें 669 की मौत हो गई। वर्ष 2011 में 42 मरीजों में से 6 की मौत, वर्ष 2012 में 1560 में से 135 की मौत, 2013 में 643 मरीजों में से 149 की मौत, वर्ष 2014 में 115 मरीजों में से 43 की मौत, 2015 में 8553 मरीजों में से 905 की मौत, 2016 में 82 मरीजों में से 26 की मौत और वर्ष 2017 में 6144 मरीजों में से 778 की मौत हुई। वर्ष 2018 में कुल 303 से अधिक स्वाइन फ्लू से मौतें हुई हैं।

एक दूसरे से सम्पर्क से भी फैलती है यह बीमारी : डॉ. नूतन मेहरा

नई दिल्ली के आरएमएल अस्पताल की डॉ. नूतन मेहरा ने बताया कि स्वाइन फ्लू सांस से जुड़ी एक बीमारी है। इसका वायरस हवा में एक जगह से दूसरी जगह पहुंच सकता है। यह बीमारी एक दूसरे के सम्पर्क में आने से भी फैलती है। इससे पीड़ित व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखना चाहिए क्योंकि फ्लू से संक्रमित व्यक्ति के छूने, छींकने पर स्वाइन फ्लू के वायरस हवा में फैल जाते हैं। ऐसे में वो दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकते हैं। मरीज जिस सामान का भी उपयोग करता हो उससे दूर रहें; जैसे- फोन, की-बोर्ड, रिमोट कंट्रोल आदि से भी वायरस एक दूसरे में फैल सकते हैं। पीड़ित मरीज को शुरुआत में बुखार, खांसी, गला खराब, नाक बहना, सांस लेने में तकलीफ, बदन दर्द, सिर दर्द, थकान, ठिठुरन, दस्त, उल्टी, बलगम में खून आता है। ऐसे में उसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत अस्पताल पहुंचाना चाहिए। साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। भीड़-भाड़ वाले स्थान में जाने से बचना चाहिए। फ्लू से संक्रमित इंसान से एक हाथ से ज्यादा की दूरी बनाए रखें और फ्लू के संदेह होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

ये बरतें सावधानी

  • भीड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें और फ्लू के शुरुआती लक्षण दिखते ही सावधानी बरतें।
  • जब भी खांसी या छींक आए तो रुमाल या टिश्यू पेपर इस्तेमाल करें।
  • एक दूसरे के मुंह की तरफ छींकने व खांसने से बचें।
  • इस्तेमाल किए मास्क या टिश्यू पेपर को ढक्कन वाले डस्टबिन में फेकें।
  • थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ को साबुन और पानी से धोते रहें।
  • लोगों से मिलने पर हाथ मिलाने, गले लगने से बचें।
  • फ्लू के शुरुआती लक्षण दिखते ही अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
  • बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह छूने से परहेज करें।
  • कपड़ों को डिटरजेंट से धोएं। दूसरे कपड़ों को अलग रखें और धूप में सुखाएं।
  • फ्लू होने की स्थिति में घर पर आराम करें।
  • अनावश्यक यात्रा ना करें।
  • पॉजिटिव रोगी के संपर्क में आने से बचें।
  • किसी रोगी के पास मुंह पर मास्क लगाए बिना ना जाएं।
  • चिकित्सक की सलाह के बिना दवाई न खाएं।
  • बच्चों में खांसी या जुकाम हो तो करीब सात दिन स्कूल ना भेजें।

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