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दुनिया में सबसे बड़ा है भारत का संविधान, जानें- ये खास बातें

26 जनवरी के जश्न की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसी दिन संविधान सभा की ओर से 26 नंवबर 1949 को पारित हुआ भारत का संविधान लागू हुआ था. भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. भारत के आजाद होने के बाद संविधान का फाइनल ड्राफ्ट बनाने में करीब 3 साल का वक्त लगा था. आइए जानते हैं भारत के संविधान से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें…

दुनिया में सबसे बड़ा है भारत का संविधान, जानें- ये खास बातें– भारतीय संविधान में वर्तमान समय में 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भागों में विभाजित है.

– बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत का संविधान निर्माता कहा जाता है. वे संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे.

– संविधान का फाइनल ड्राफ्ट तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे.

– संविधान के प्रारूप पर कुल 114 दिन बहस हुई.

– इसमें अब 465 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 भागों में विभाजित है. इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं.

– भारत में जिस दिन संविधान लागू हुआ उसे गणतंत्र दिवस और जिस दिन यह बनकर तैयार हुआ उसे संविधान दिवस (26 नवंबर) के तौर पर मनाया जाता है.

– संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे. साथ ही संविधान सभा पर अनुमानित खर्च 1 करोड़ रुपये आया था.

– संविधान में प्रशासन या सरकार के अधिकार, उसके कर्तव्य और नागरिकों के अधिकार को विस्तार से बताया गया है.

– संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था की गई है जिसकी संरचना कतिपय एकात्‍मक विशिष्‍टताओं सहित संघीय हो. केन्‍द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्‍ट्रपति है.

– भारत की संविधान सभा का चुनाव भारतीय संविधान की रचना के लिए किया गया था. ग्रेट ब्रिटेन से स्वतंत्र होने के बाद संविधान सभा के सदस्य ही प्रथम संसद के सदस्य बने.

– कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 ई० में किया गया.

– संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी, जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देशी रियासतों के प्रतिनिधि थे.

– देश का सर्वोच्‍च कानून हमारा संविधान 26 नवंबर, 1949 में अंगीकार किया गया था.

– हैदराबाद एक ऐसी रियासत थी, जिसके प्रतिनिधि संविधान सभा में सम्मिलित नहीं हुए थे.

– संविधान की धारा 74 (1) में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति की सहायता को मंत्रिपरिषद् होगी, जिसका प्रमुख पीएम होगा.

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