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देशद्रोह के नारों के बाद देशभक्ति के नारों से गूंजा JNU

jnu-army-march-1-56ce9222ce1bb_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/देश विरोधी नारे लगाने के विवाद से सुर्खियों में आया जेएनयू कैंपस बुधवार शाम को देश के शहीदों की शहादत के नारों से गूंज उठा। भारतीय सेना के पूर्व अधिकारियों और जेएनयू छात्रों ने सियाचिन शहीदों की जय, कश्मीर शहीदों की जय, भारतीय संविधान जिंदाबाद, भारतीय सेना जिंदाबाद आदि के नारे लगाए। इसके बाद पब्लिक मीटिंग कर शहीदों को मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी।

जेएनयू कैंपस में कुलपति कार्यालय के नजदीक एक शाम शहीदों के नाम से पब्लिक मीटिंग का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता जेएनयू के पूर्व छात्र व मेजर जनरल जीडी बख्शी ने की। कार्यक्रम का आयोजन एबीवीपी ने किया था। परिसर में हर ओर तिरंगे के साथ इंडियन आर्मी, नेवी व एयरफोर्स के नारों से देशभक्ति के रंग में रंग गया।

कार्यक्रम का आगाज करते हुए मेजर जनरल जीडी बख्शी ने 1962, 1965, 1971, सियाचिन, कारगिल से लेकर पंपोर हमलों की जानकारी छात्रों से सांझा की।

उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए हमें निर्देश दिए जाते हैं कि किसी भी सूरत में आम आदमी को नुकसान नहीं होना चाहिए। इसका ताजा उदाहरण पंपोर है।

हम सरहदों पर आप लोगों के लिए दिनरात लड़ते हैं, क्योंकि हमें आप जैसे होनहार छात्रों को हौसला मिलता है। कार्यक्रम को मेजर जनरल आरके मल्होत्रा, मेजर जनरल चक्रवर्ती, मेजर जनरल आरके अरोड़ा, कैप्टन आलोक समेत अन्य सेना अधिकारियों ने भी संबोधित किया।
इससे पहले पूर्व सैनिकों ने जेएनयू के वीसी से मिलकर उन्हें ये सलाह दी कि विश्वविद्यालय में आर्मी टैंक रखा जाए जिससे छात्रों में देशभक्ति की भावना पैदा हो 9 फरवरी जैसी घटना दोबारा ना हो।

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