अद्धयात्म

द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की पत्नी को बताई थी 4 महत्वपूर्ण बाते…

महाभारत की कहानी से सभी वाकिफ हैं। ये कहानी युद्ध, ईर्ष्या, लालच और प्रतिशोध की थी। लेकिन इस एक कहानी में कई ऐसी कहानियां भी छिपी थीं, जिन पर हमारा ध्यान आकर्षित ना हो सका। द्रुपद नरेश की पुत्री द्रौपदी का विवाह यूं तो अर्जुन से हुआ था लेकिन मां की आज्ञा को टाल ना पाने की स्थिति में पांचों पांडवों ने द्रौपदी को अपनी पत्नी स्वीकार किया। इस तरह द्रौपदी आजीवन पांचों पांडवों की पत्नी बनकर रही। वेद व्यास ने इस विवाह से जुड़ी कुछ शर्ते निश्चित की, जिनका पालन करना द्रौपदी समेत सभी पांडवों के लिए अनिवार्य था लेकिन पांच पतियों के बावजूद द्रौपदी को संसार की श्रेष्ठतम चरित्र और गुणों वाली महिला माना गया है।

परिवार में सुख और शांति बनी रहे, इसके लिए महाभारत में द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा को खास तरीके बताए थे और संसार की सभी नारियों को लेकर 4 महत्वपूर्ण बातें कही है। आइए जानते हैं…द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की पत्नी को बताई थी 4 महत्वपूर्ण बाते...

1.द्रौपदी ने कहा है स्त्रियों को कभी भी छोटी सोच नहीं रखना चाहिए वरना घर में बरकत नहीं रहती है। दोनों परिवार के सदस्यों के प्रति समान व्यवहार करना चाहिए। अगर सामने वाला गलत है तब भी अपने व्यवहार में परिवर्तन न लाएं लेकिन स्वाभिमान से समझौता कभी न करें साथ ही स्त्रियों को अपने पति को कभी भी वश में करने का प्रयास नहीं करना चाहिए क्योकि आपका सच्चा प्रेम व समर्पण भाव आपके पति को आपसे बांधे रखेंगी|

2.द्रौपदी के दूसरी सीख के अनुसार विवाह के पश्चात महिला को अपनी संगत भी सही रखनी चाहिए। उसे चरित्रहीन या झगड़ालू स्त्रियों का साथ छोड़ देना चाहिए। अन्यथा परिणाम के रूप में उसका विवाहित संबंध भी टूट सकता है।

3.द्रौपदी ने तीसरा संदेश दिया है कि स्त्री के लिए उसका पति ही सब कुछ होता है। इसलिए विषम परिस्थिति में घबराएं नहीं और हमेशा अपने पति के कदम से कदम मिलाकर साथ दें क्योंकि शादी के बाद एक स्त्री का पति ही उसका सब कुछ होता है। पति नहीं तो सब कुछ बेकार है। इसलिए स्त्रियों को अपने पतियों का आदर-सम्मान करना चाहिए और उनकी सभी आज्ञाओं को मानना चाहिए।

इसके साथ ही यह महत्वपूर्ण बात स्त्रियों को सदैव अपने ध्यान में रखना चाहिए की वे अपने परिवारिक रिश्तों को याद रखे| क्योकि हर एक विवाहित स्त्री के लिए ऐसा करना आवश्यक है यदि वह अपने परिवार से जुड़ा एक भी रिश्ता भूलती है तो यह बात परिवारिक संबंध बिगाड़ सकता है|एक परिवार को दूसरे परिवार से जोड़े रखने के लिए रिश्तों की अहमियत बहुत अधिक है और यह रिश्ते बहुत नाजुक होते है व एक स्त्री का रिश्तों को कायम बनाये रखें में महत्वपूर्ण योगदान होता है|

4. द्रौपदी के चौथे संदेश के अनुसार स्त्री को अपने घर में हो रहे ऊंच-नीच या किसी अन्य तरह की बातों को किसी बाहरी व्यक्ति से कभी नहीं साझा करना चाहिए। इससे घर का भेद दूसरे को पता चलेगा और दुश्मन इसका फायदा उठा सकते हैं। इसलिए कभी भी अपने घर की बातें किसी तीसरे को न बताएं।

द्रौपदी के अनुसार एक सुखद विवाहित जीवन की सबसे पहली शर्त ये है कि पति को अपनी पत्नी की हर जरूरत को पूरा करना चाहिए, उसे संतुष्ट रखना चाहिए। लेकिन इसके साथ-साथ पत्नी को भी चाहिए कि वे अपने पति से अनैतिक इच्छाएं ना रखे।द्रौपदी के बताए गए उपरोक्त सूत्र एक सुखद विवाहित जीवन के लिए जरूरी हैं, इसीलिए हर स्त्री और पुरुष को इस सूत्रों को अपनाना चाहिए।

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