दस्तक-विशेष

धनवंतरि की पूजा से प्रसन्न होती हैं लक्ष्मी

(धनतेरस पर विशेष)

 

laxmiबांदा । समुद्र मंथन के अंतिम दिन यानी प्रकाश पर्व दीपावली के दो दिन पूर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को पूरे देश में धनतेरस मनाने की पुरानी परंपरा है। धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु कलश में अमृत लेकर भगवान धनवंतरि के रूप में प्रकट हुए थे। इसलिए विष्णु की पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर धनवर्षा करती हैं। प्रकाश पर्व दीपावली के दो दिन पूर्व कोई वस्तु या धातु खरीदना सगुन होता है। इसीलिए धनतेरस के दिन व्यापारी अपनी दुकानों को सजाते हैं तथा ग्रामीण और शहरी बढ़-चढ़कर खरीदारी करते हैं। विष्णु पुराण की एक कथा के अनुसार  देवताओं और दैत्यों के बीच युद्ध विराम के बाद हुए समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु कलश में अमृत लेकर भगवान ‘धनवंतरि’ के रूप में प्रकट हुए थे। बांदा जिले के तेंदुरा गांव के बुजुर्ग पंडित मना महाराज गौतम का कहना है कि इस दिन सुबह स्नान कर सूर्य का जलाभिषेक के बाद भगवान विष्णु की पूजा करने से धन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धनवर्षा करती है। वह बताते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा किसी लालच में नहीं  बल्कि शुद्ध भाव से करना चाहिए। साथ ही वह कहते हैं कि बुंदेलखंड में इस दिन चौपाल और फड़ों में जुआ खेलने की भी परंपरा है  जो बेहद गलत है। जुआ खेले जाने से लक्ष्मी नाराज होती हैं।

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