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निर्जला एकादशी व्रत से साल भर की सभी एकादशियों के समान मिलता है पुण्य

24 जून को है ज्येष्ठ महीने की अंतिम तिथि पूर्णिमा

ज्योतिष : शास्त्र के अनुसार आज यानि 11 जून से ज्येष्ठ माह का शुक्ल पक्ष शुरू हो गया है, इस पक्ष में कई महत्वपूर्ण पर्व पड़ रहे हैं। इस पक्ष में निर्जला एकादशी का व्रत किया जाता है। ये व्रत साल भर की सभी एकादशियों के व्रत के फल बराबर पुण्य प्रदान करता है।

ज्येष्ठ महीने में पड़ रहे प्रमुख पर्व इस तरह हैं-14 जून सोमवार को विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस दिन गणेश की विशेष पूजा की जाती है और भक्तों को विशेष फल मिलता है। 15 जून मंगलवार को सूर्य वृष से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना व दान-पुण्य करना बेहद लाभकारी रहता है। अगर नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही सभी तीर्थों का ध्यान करते हुए स्नान करें। ऐसा करने से भी तीर्थ स्नान के समान पुण्य फल मिलता है। 21 जून सोमवार को निर्जला एकादशी है। इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं।

पांडव पुत्र भीम ने इस एकादशी पर व्रत किया था। इस वजह से इसे भीमसेनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन किए गए व्रत से सालभर की सभी एकादशियों के समान पुण्य फल मिलता है। ये व्रत निर्जल रहकर यानी बिना पानी पिए किया जाता है। 24 जून गुरुवार को ज्येष्ठ माह की अंतिम तिथि पूर्णिमा है। इस तिथि पर संत कबीरदास की जयंती भी मनाई जाती है। पूर्णिमा पर किसी नदी में स्नान के बाद दान-पुण्य करने से मनवांक्षित परिणाम मिलते हैं।

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