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नेशनल हेराल्ड केस: 19 दिसंबर को सोनिया और राहुल होंगे कोर्ट में पेश, उसके बाद क्या?

sonia-gandhi-and-rahulचंडीगढ़. हरियाणा नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को 19 दिसंबर दिल्ली कोर्ट में पेश होना है. सबसे बड़ा सवाल है कि क्या उस दिन दोनों की गिरफ्तार हो सकती है? पूरे देश में चर्चा हो रही है कि इस हाईप्रोफाइल केस में कोर्ट क्या निर्णय ले सकता है.

दोनों को इस मामले में पेश होने के लिए समन भेजा गया है. उनके ऊपर इस मामले में बीजेपी नेता ने सुब्रमण्यम स्वामी ने अमानत में खयानत, संपत्ति पर अवैध कब्जा और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया है.

जब कोर्ट किसी मामले में पेश होने का समन भेजता है और आरोपी पहले दिन पेश होते हैं तो अदालत दोनों का नाम लेकर हाजिर होने की पुष्टि करती है. अगर कोई भी आरोपी गैर हाजिर रहता है तो उसकी ओर से पेश वकील मामले में सफाई देता है. लेकिन ये कोर्ट पर निर्भर होता है कि वो वकील की बात को स्वीकरता है या खारिज कर देता है.

इसके बाद आरोप लगाने वाले से पक्ष से पूछा अदालत सबूत मांगेगी कि वो किस आधार पर पेश हुए आरोपियों खिलाफ आरोप लगा रहा है. ऐसी बहुत ही कम संभावना है कि कोर्ट शनिवार को ही इस मामले में सबूतों को रजिस्टर्ड करना शुरू कर देगी. लेकिन अगली सुनवाई की तारीख जरूर तय कर देगी.

वहीं आरोपियों की ओर से पेश वकील इस बात की गुहार लगा सकता है कि हर सुनवाई में उनके क्लाइंट को अदालत में न बुलाया जाए. हालांकि ये फैसला भी कोर्ट पर ही निर्भर करेगा.

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या अदालत इस दिन सोनिया गांधी और राहुल को जेल भेज देगी? जिसकी संभावना बहुत ही कम है. ये मामला एक निजी पक्ष की ओर से उठाया गया है. हालांकि सबूतों को नष्ट करने, गवाहों को बहकाने, जैसी बात शिकायतकर्ता की ओर से कही जा सकती है. तब इस मामले में कोर्ट प्री-चार्ज इवेंडेंस मांगेगा.

हालांकि इस मामले में न तो अभी तक चार्जशीट पेश की गई, कोई जांच भी नहीं बैठी है और पुलिस में मामला भी दर्ज नहीं है. इस लिहाज से कोर्ट इस तरह किसी  को जेल नहीं भेजती है.

अगर डॉक्टर स्वामी पर्याप्त प्री-चार्ज इविडेंस पेश करते हैं तो कोर्ट मामले की अगली सुनवाई के तारीख देगी. वहीं आरोपियों के वकील आपराधिक मामले को खारिज करने की अपील कर सकते हैं. दोनों पक्षों के दलील सुनने के बाद कोर्ट या तो आरोप तय कर मामले का ट्रायल शुरू करेगी या फिर क्लीन चिट देकर अपील खारिज कर देगी.

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