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पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में लहराया जेडी(यू) और एबीवीपी का परचम

जेडी(यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात की थी जिस पर कई छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। यहां जानें पटना यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ का नया पैनल।

  • पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं।
  • जेडीयू और एबीवीपी ने सभी पदों पर जीत दर्ज की है
  • प्रशांत किशोर की कुलपति से मुलाकात पर मचा था विवाद

पटना: पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं। अध्यक्ष और ट्रेजरर पद पर जेडीयू और अन्य सभी पदों पर एबीवीपी के उम्मीदवारों ने बाजी मारी है। अध्यक्ष पद पर जेडीयू के मोहित प्रकाश, उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी की अंजना सिंह, मुख्य सचिव पद पर एबीवीपी के मणिकांत, संयुक्त सचिव पद पर एबीवीपी के राजा रवि और ट्रजरर पद पर जेडीयू के कुमार सत्यम विजयी घोषित किए गए हैं। बता दें कि चुनाव प्रचार के अंतिम दिन देर शाम को जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कुलपति से मुलाकात की थी जिसका विभिन्न छात्र संगठनों के राजनीतिक दलों ने विरोध किया था।

एबीवीपी के इस धरना में शामिल भारतीय जनता युवा मोर्च के प्रदेश अध्यक्ष और भाजपा के स्थानीय विधायक नितिन नवीन ने कहा कि हम लोगों ने राज्यपाल से आगामी पांच दिसंबर को होने वाले छात्र संघ चुनाव को निष्पक्ष और पारदर्शी रूप से संपन्न कराए जाने तथा प्रशांत किशोर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उल्लेखनीय है कि इस मामले को लेकर नवीन ने सोमवार को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ कुलाधिपति और राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की थी। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वह छात्र संघ चुनाव में ‘निम्न स्तर’ तक जाकर हस्तक्षेप कर रहे हैं जिससे उनके सहयोगी दल भाजपा के आठ विधायक व मंत्री दो दिन से सरकार के ख़िलाफ प्रेस रिलीज जारी कर रहे हैं।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की प्रशासनिक असफलता और तानाशाही के ख़िलाफ़ भाजपा विधायक पटना में धरने पर बैठे हैं। उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी पर भी निशाना साधा। राजद के वरिष्ठ नेता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि प्रशांत किशोर की मुलाकात का छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है पर जदयू के साथ बिहार में सत्ता में शामिल भाजपा को यह तय करना है कि प्रदेश में प्रशांत किशोर की चलेगी या सरकार की। राजग में शामिल रालोसपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर नीतीश पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया, “नीतीश कुमार जबरन पुलिस-प्रशासन पर दबाव डाल विश्वविद्यालय प्रशासन को बन्धक बनाकर छात्रसंघ चुनाव जीतना चाहते हैं! महामहिम राज्यपाल जी, हस्तक्षेप कर कुलपति को बर्खास्त करें या चुनाव पर रोक लगायें…।’’

वहीं प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि छात्रसंघ चुनाव में संभावित हार की घबराहट उनकी गाड़ी पर पत्थर मारने से कम नहीं होगी। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता संजय सिंह ने प्रशांत किशोर की कुलपति से मुलाकात का बचाव करते हुए कहा कि वह इस चुनाव से जुडे मामले को लेकर नहीं बल्कि कुलपति से अनुमति लेकर उस विश्वविद्वालय परिसर में प्रस्तावित भूकंप प्रबंधन केंद्र के बारे में बातचीत करने गए थे । सिंह ने कहा कि कुछ लोगों को प्रशांत किशोर को जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए जाने पर बेचैनी है, जिसकी दवा उनके पास नहीं है क्योंकि जदयू का जनाधार लगातार बढने से कुछ लोग परेशानी महसूस कर रहे है।

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