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पठानकोट हमला : एनआईए ने की एसपी के अपहरण और दरगाह पर जाने के दावों की जांच

SP-Salwinder-Singhचंडीगढ़. हरियाणा पठानकोट के आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) सलविंदर सिंह से फिर पूछताछ की. एनआईए उन्हें अपने साथ वहां ले गई जहां कहा जा रहा है कि पठानकोट में हमला करने से पहले संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकियों ने उनका अपहरण किया था.

एनआईए ने ‘अपहरण’ की कड़ियों को जोड़ते हुए सिलसिलेवार तरीके से इसका नाट्य रूपांतरण भी किया. एनआईए ने भारतीय वायुसेना एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले की जांच के लिए कई टीमें बनाई हैं. एनआईए, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की खामियों के साथ पूरे आतंकवादी हमले की जांच कर रही है.

पंजाब के वरिष्ठ पुलिस अफसर सलविंदर सिह पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकी हमले के पीड़ित हैं या संदिग्ध? जांच एजेंसियां, खासकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) हमला शुरू होने से पहले के 24 घंटे में सलविंदर की भूमिका की जांच कर रही हैं.

पुलिस अधीक्षक (एसपी) सलविंदर सिह, उनके रसोइये मदन गोपाल और उनके दोस्त राजेश वर्मा, तीनों एक ही घटना के शिकार हैं. तीनों को आतंकियों ने अगवा किया था लेकिन तीनों के बयान एक-दूसरे से मेल नहीं खा रहे हैं. यही वह बात है जिसने जांच एजेंसियों को जिज्ञासु बना दिया है. इसी वजह से एसपी निगाह में आ गए हैं.

बयानों में एक असंगति आतंकवादियों की संख्या को लेकर है. आतंकवादियों के साथ सबसे दूर तक जाने वाले वर्मा का कहना है कि तीन या चार आतंकवादी थे. एसपी और उनके रसोइये का कहना है कि चार या पांच आतंकवादी थे.

दूसरी असंगति आतंकवादियों द्वारा राइफल के बट से इनकी पिटाई में पाई जा रही है. वर्मा और गोपाल के शरीर पर चोट के निशान हैं. एसपी के शरीर पर नहीं हैं.

जांचकर्ता इसे लेकर उधेड़बुन में हैं कि आतंकवादियों ने टैक्सी ड्राइवर इकागर सिंह का गला काट दिया, उसे चाकू से गोदकर मार डाला, वर्मा का गला भी काटने की कोशिश की. लेकिन, एसपी को खरोंच तक नहीं आई. ऐसा क्यों हुआ?

एनआईए पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादियों द्वारा कथित रूप से अपहृत पंजाब पुलिस अधीक्षक सलविंदर सिंह को कोलिया गांव ले गई जहां कहा जा रहा है कि सिंह का उनके दोस्त राजेश वर्मा और रसोइये मदन गोपाल के साथ अपहरण किया गया था. जांच एजेंसी उन्हें वहां भी ले गई जहां उन्हें आतंकियों द्वारा कथित रूप से फेंका गया था.

एनआईए के अधिकारियों की एक टीम ने सिंह से गुरुदासपुर में उनके आवास पर काफी लंबी पूछताछ की थी. उनसे मंगलवार शाम को भी पूछताछ की गई थी. एनआईए ने राजेश शर्मा और मदन गोपाल से भी पूछताछ की है.

वहीं, एसपी ने यह दावा भी किया था कि पीर पंजार दरगाह में उनकी काफी आस्‍था है और वह पहले भी कई बार वहां जा चुके हैं. हालांकि दरगाह संचालक सोमराज ने इस बात का खंडन करते हुए कहा है कि वह 31 दिसंबर को पहली बार दरगाह आए थे.

सिंह का पिछले सप्ताह ही पठानकोट तबादला हुआ था. उन्होंने दावा किया था कि हथियारों से लैस चार-पांच आतंकवादियों ने उनका, वर्मा और उनके बावर्ची मदन गोपाल का 31 दिसम्बर को पठानकोट से 25 किलोमीटर दूर कोलिया गांव के पास अपहरण कर लिया था.

इस पूरी घटना से शक के घेरे में आए सिंह ने कहा था कि मेरी जानकारी 100 प्रतिशत सही थी. इसमें कोई शक नहीं है. मैंने तुरंत बाद ही वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी. मुझे नहीं पता कि इतनी देरी क्यों हुई?

जांच एजेंसियां को हालांकि सिंह के दावे पर संदेह है और इसकी वजह उनके साथ अगवा हुए दो अन्य के बयान में एकरूपता का नहीं होना है.

एनआईए यह पता लगा रही है कि सिह कठुआ से रात 9.30 बजे निकले और उनका अपहरण अगर रात 12.30 पह हुआ तो बीच के तीन घंटे वह कहां थे.

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