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परेशान किसान बने मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब

तीन राज्यों के चुनाव नतीजे ने भाजपा और केन्द्र सरकार के पैरों तले जमीन खिसका दी है। भाजपा के लिए सबसे बड़ा परेशानी का सबब छत्तीगढ़ में चुनाव का हारना रहा। मध्यप्रदेश में भी भाजपा की करीब दो दर्जन सीटों पर हार का अंतर काफी कम है। पार्टी हार के कारणों का मंथन कर रही है।

परेशान किसान बने मोदी सरकार के लिए परेशानी का सबब

इसका बड़ा कारण किसानों का कर्जा माफ करने का कांग्रेस का वादा रहा। छत्तीसगढ़ के एक वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना है कि किसानों का कर्जा माफ का कांग्रेस का वादा चुनाव में चल गया। भाजपा अध्यक्ष भी इसे बड़ी वजह मान रहे हैं। मप्र भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह भी कांग्रेस के इस वादे को हार का बड़ा कारण मानते हैं। संसद भवन परिसर में केन्द्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने भी माना कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में किसान के मुद्दे पर झटका लगा है। सूत्र का कहना है कि कांग्रेस की राजनीति ही झूठ बोलने, देश को गुमराह करने और लोगों से लुभावना वादा करके उन्हें ठगना है।

वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से राफेल के मुद्दे पर देश को गुमराह करने के लिए माफी मांगने की मांग की। शुक्ला ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी है। अब दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है। जबकि राहुल गांधी काफी समय से इस मुद्दे पर देश को गुमराह कर रहे थे। वह प्रधानमंत्री को भी अपशब्द कह रहे थे।

डराने लगी है 2019 की संभावना

तीन राज्यों में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के शपथ लेने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को भाजपा और केन्द्र सरकार की परेशानी बढ़ाई। उन्होंने कहा कि वह देश भर के किसानों का कर्जा माफ करवाकर ही दम लेंगे। इसके साथ-साथ राहुल गांधी ने फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला है।
उन्होंने सवाल पूछा है कि सरकार जेपीसी की मांग से क्यों डर रही है? उन्होंने सभी विपक्षी दलों के साथ मिलकर हम देश के किसानों का कर्जा माफ करवाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब तक केन्द्र सरकार किसानों का कर्जा माफ नहीं करती, हम प्रधानमंत्री को चैन से सोने नहीं देंगे।

भाजपा और केन्द्र सरकार तलाश रही है विकल्प
केन्द्र सरकार और भाजपा दोनों मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के किसान का कर्जा माफ करने के दांव की काट तलाश रही हैं। भारतीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह मस्त के सामने भी यह बड़ी चुनौती है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्र की माने तो केन्द्र सरकार जल्द ही किसान के हितों से जुड़े कुछ निर्णय की घोषणा कर सकती है। इसके लिए केन्द्र सरकार तमाम विकल्पों पर विचार कर रही है।

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