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पीएम मोदी के आह्वान का असर, जम्मू-कश्मीर जाएगा सिविल सोसाइटी दल

जम्मू-कश्मीर के हालातों को सुधारने के लिए गोली के बजाय गले लगाने के पीएम मोदी के आह्वान के ठीक चार दिन बाद ही सिविल सोसाइटी का एक चार सदश्यीय दल सूबे के दौरे पर जा रहा है। इस चार सदश्यीय दल में भाजपा नेता एम जे खान भी शामिल हैं।
जोकि पीस पार्टी छोड 2013 में भाजपा में शामिल हुए थे। सूत्र बताते हैं कि शनिवार 19 अगस्त से जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहे सिविल सोसाइटी दल में खान के अलावा रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा, पूर्व सपा नेता शाहीद सिद्दकी और जस्टिस आई एम कुद्दसी शामिल हैं। सिविल सोसाइटी का यह दल अगले चार दिनों तक जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में जाकर समाज के विभिन्न वर्गों से बातचीत करेगा।

हालांकि इस दल का केंद्र की सरकार से लेना देना नहीं है। लेकिन पीएम मोदी के एलान के ठीक बाद सिविल सोसाइटी दल के जम्मू-कश्मीर दौरे को सरकार की परदे के पिछे की कवायद के रूप में देखा जा रहा है।

दल के सदस्य एमजे खान ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि सिविल सोसइटी का चार सदस्यीय दल शनिवार से जम्मू-कश्मीर के चार दिवसिय दौरे पर जा रहा है। वहां पर समाज के विभिन्न वर्गों से बातचीत कर सूबे में शांति कायम करने की कोशिश होगी। खान ने बताया कि हम जम्मू-कश्मीर के आवाम से आह्वान करेंगे कि एक कदम आप भी बढों,एक कदम हम भी बढेंगे।

पीएम मोदी के आह्वान का असर, जम्मू-कश्मीर जाएगा सिविल सोसाइटी दलसूफीवाद को बढ़ावा देने पर रहेगा जोर 

मुस्लिम कट्टरपंथ का शिकार होकर राह से भटक रहे जम्मू-कश्मीर के लोगों में भारत के प्रति प्रेम-भाव पैदा करने के लिए सिविल सोसाइटी दल का जोर सूफीवाद को बढावा देने के साथ सूबे की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने पर रहेगा।

इसके लिए आने वाले दिनों में तमाम प्रयास भी किए जाएंगे। इसके लिए सिविल सोसइटी दल में शामिल नेता स्थानिय दरगाहों के उलेमाओं से मुलाकात कर उनसे सूबे में सूफीवाद के विस्तार की चर्चा करेंगे।

इसके अलावा व्यापारियों, युवाओं और महिला समूहों से भी सिविल सोसाइटी का दल मुलाकात करेगा। दल के एक सदस्य ने अमर उजाला को बताया कि तमाम क्षेत्र से जुडे लोगों से चर्चा के बाद दल की वापसी सोमवार को होगी।

व्यापारियों को बिगडे माहौल से हुए नुकशान के बारे में अवगत कराया जाएगा। तो युवाओं को अमन शांति के फायदे बताए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर की जनता को वह यह समझाने का प्रयास करेंगे कि पाकिस्तान से ज्यादा प्यार उन्हें हिन्दूस्तान के लोग करते हैं।

टीवी की चंद बहसों को छोड पूरा देश कश्मीर के लोगों को चाहता है। अवाम को पाक के नापाक इरादों की याद कराते हुए अमन-शांति कायम करने का आह्वान होगा। 

जम्मू-कश्मीर के लगातार दौरे करेगा सिविल सोसाइटी दल 

पीएम मोदी के एलान के बाद पहली दफे जम्मू-कश्मीर की जनता से सीधी बातचीत के लिए कश्मीर जा रहा सिविल सोसइटी दल सूबे में लगातार दौरे करेगा। बताया जा रहा है कि सिविल सोसइटी के इस दल ने जम्मू-कश्मीर के दौरे से पहले ही पूरी रणनीति बना रखी है।
आने वाले दिनों में रणनीति का असर जम्मू-कश्मीर के हालातों को बदलने में साफ नजर आएगा। कश्मीर रवाना होने से पूर्व शुक्रवार को सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने सेना प्रमुख विपिन रावत से भी बातचीत की है।

रावत से विभिन्न घटनाओं में घायल युवाओं के सेना के जरिए इलाज कराने की मांग की है। जिसपर रावत ने सहमति जताई है। रावत के आश्वासन के बाद जम्मू-कश्मीर के विभिन्न घटनाओं में घायल लोगों खासकर बच्चों का इलाज अब सेना अपने खर्चे और अपने अस्पतालों में करेगी। दरअसल बीते कई माह से चल रही अशांति के वजह से कई बच्चे भी घायल हुए हैं। 

शिक्षा व्यवस्था को मुकम्मल बनाने की योजना 

म्मू-कश्मीर से आतंक के माहौल को खत्म कर अमन चैन स्थापित करने के लिए सिविल सोसइटी को विशेष जोर वहां की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ करने पर है। इस प्रयास में सरकार और अन्य गैर सरकारी संस्थानों से संपर्क कर सिविल सोसाइटी ने जम्मू-कश्मीर की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ बनाने का पूरा रोडमैप बना रखा है।
गृह मंत्री राजनाथ सिहं के स्तर पर बातचीत करके अजीज प्रेम जी फाउंडेशन को राजी किया गया है कि वो जम्मू-कश्मीर में नए-नए शिक्षण संस्थान खालें। डीपीएस और एमीटी सरीखे देश के बडे-बडे शिक्षण संस्थानों से भी सिविल सोसइटी के दल ने चर्चा कर जम्मू-कश्मीर में शिक्षण संस्थानों की बडी चैन स्थापित करने की बात की है।

बताया जा रहा है कि प्रेम जी फाउंडेशन के अलावा डीपीएस और एमीटी ने भी जम्मू-कश्मीर में शिक्षण संस्थान खोलने के सिविल सोसइटी के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। तो केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय से कहा गया है कि वह अपनी योजना के तहत देशभर में खुलने वाले 150 विद्ययालयों में से करीब 20 विद्यालय जम्मू-कश्मीर में खोले।

तो वहीं जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को कहा गया है कि वे इन तमाम संस्थानों के जरिए खोले जाने वाले शिक्षण संस्थानों के निर्माण के लिए तत्काल भूमि आवंटित करें। इसमें विलंब न करें।

दरअसल पीस पार्टी छोड भाजपा में आए एमजे खान के पीएम मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से गहरे रिश्ते हैं। खान इससे पहले भी कई मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न मुद्दों पर पीएम मोदी से मिला चूके हैं।

इसलिए अमन शांति के प्रयास के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहे सिविल सोसाइटी दल को अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के दिन खुद लालकिले से आह्वान किया था कि जम्मू-कश्मीर की समस्या का समाधान गोलियों से नहीं बल्कि गले लगाने से होगा।

उसके ठीक चार दिन बाद यह सिविल सोसइटी का दल सूबे की सिविल सोसाइटी से चर्चा के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहा है।

 

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