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फरीदकोट ‌हिंसा के पीछे पुलिस का हाथ, दो मरे

sikh-police-clash-561e05ff1ffcc_exlstदस्तक टाइम्स/एजेंसी. पंजाब  :  पवित्र ग्रंथ की बेअदबी पर फरीदकोट में हुई हिंसा के पीछे पुलिस का हाथ बताया जा रहा है। उन्होंने बिना ऑर्डर के गोली चला दी। इसके बाद पंजाब के फरीदकोट जिले में गांव बारगड़ी में पुलिस और सिख संगठन बुरी तरह भिड़ गए।

प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने फायरिंग कर दी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि 100 से अधिक घायल हुए हैं। इनमें 25 पुलिसकर्मी शामिल हैं।

बरगाड़ी से सटे गांव बहिबल कलां में सिख जत्थेबंदियों ने घटना के विरोध में कोटकपूरा-बठिंडा मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाने का प्रयास किया जिसके चलते दोनों पक्षों के बीच टकराव शुरू हो गया।

प्रदर्शनकारियों को हावी होते देख पुलिस ने फायरिंग कर दी जिसके चलते दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतकों की पहचान गांव नियामीवाला निवासी भगवान कृष्ण सिंह व गांव सरावां निवासी गुरजीत सिंह के रूप में हुई। गंभीर रूप से घायल हुए गांव बहिबल कलां निवासी बेअंत सिंह को फरीदकोट के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

इस दौरान मंगलवार से ही फरीदकोट में डेरा लगाए बैठे एडीजीपी क्राइम रोहित चौधरी ने घटनास्थल का जायजा लिया। वे अस्पताल में घायल पुलिसकर्मियों से भी मिले। इस घटना के विरोध में गांव पंजगराई कलां, गुरु की ढाब, वाडा दराका, मेहमुआना व ढिलवां कलां में भी रोष प्रदर्शन किए गए जिससे तनाव की स्थिति बनी रही।

कोटकपूरा के मुख्य चौक पर धरना दे रहे सिख संगठनों से बुधवार सुबह पुलिस ने धरना खत्म करने की अपील की लेकिन वह नहीं हटे। इस पर सुबह करीब छह बजे पुलिस ने मुख्य चौक को चारों तरफ से घेर लिया और धरनाकारियों की अगुवाई कर रहे सिख प्रचारकों और संगठनों के नेताओं को गिरफ्तारी देने के लिए कहा। इस पर कुछ प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों में कहासुनी हो गई। माहौल बिगड़ते देख पुलिस ने पानी की तेज बौछारें की जिसके जवाब में प्रदर्शनकारी पुलिस पर पथराव करने लगे।

पुलिस ने आंसू गैस के गोले फेंके और लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने चौक और उसके आसपास खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी और दो गाड़ियों को आग लगा दी। करीब एक घंटे तक चले पुलिस ऑपरेशन के दौरान प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। प्रदर्शनकारी शहर रेलवे स्टेशन और गुरुद्वारों में पहुंच गए।

आत्मरक्षा में की फायरिंग : एसएसपी

एसएसपी सुखमिंदर सिंह मान ने कहा कि पुलिस शांतिपूर्वक ही प्रदर्शनकारियों को हटाना चाहती थी लेकिन कुछ शरारती तत्वों की तरफ से पुलिस पर पथराव करने की वजह से उन्हें बल उपयोग करना पड़ा। गांव बहिबल कलां में लोगों ने पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला कर दिया था, ऐसे में आत्मरक्षा के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी।

प्रदर्शनकारियों पर मामला दर्ज
थाना सिटी पुलिस ने मुख्य चौक में रोष धरने पर बैठे सिख संगठनों के नेताओं समेत प्रदर्शनकारियों के� खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। यह जानकारी बुधवार शाम एडीसीपी क्राइम रोहित चौधरी, डीसीपी लुधियाना परमराज सिंह उमरानंगर व डीआईजी फिरोजपुर अमर सिंह चाहल ने मीडिया को बातचीत में दी। इन अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया और सरकारी गाड़ियों में तोड़फोड़ की आग लगा दी। इसके चलते पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

 

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