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फिर गूंजेगा कारों का शोर, फॉर्मूला वन का भूखंड आवंटन होगा बहाल

ग्रेटर नोएडा : यमुना प्राधिकरण फॉर्मूला वन के भूखंड का आवंटन जल्द बहाल कर सकता है। प्राधिकरण ने बकाया राशि का भुगतान न करने पर 2019 में भूखंड आवंटन निरस्त कर फॉर्मूला वन को कब्जे में ले लिया था। भूखंड पर प्रस्तावित कई आवासीय परियोजनाएं भी अधर में फंस गई थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर यमुना प्राधिकरण जेपी समूह के प्रत्यावेदन पर सुनवाई करेगा। प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा।

यमुना प्राधिकरण ने फॉर्मूला वन के लिए 2008 में योजना निकाली थी। 2009 में जेपी समूह की जेपीएसके स्पोट्र्स को एक हजार हेक्टेयर जमीन का आवंटन हुआ था। जेपी समूह ने इसमें फामरूला वन रेस ट्रैक, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के अलावा कई आवासीय योजनाएं लांच की थी। बुद्धा अंतरराष्ट्रीय फॉर्मूला वन रेस ट्रैक भारत का इकलौता है। 18 अक्टूबर 2011 में इसका उद्घाटन हुआ था। 30 अक्टूबर 2011 को पहले फॉर्मूला वन भारतीय ग्रांड प्रिक्स का आयोजन हुआ था। 20 हजार दर्शकों की क्षमता वाले फॉर्मूला वन रेस ट्रैक के निर्माण पर करीब दो हजार करोड़ रुपये की लागत आई थी। फिल्मी सितारों की चकाचौंध ने यहां के आकर्षण को बढ़ा दिया था।

आवंटन निरस्त होने पर जेपी समूह ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के लिए शर्त लगाई थी कि जेपी समूह पहले 100 करोड़ रुपये का भुगतान करे। इसके बाद जेपी समूह ने मार्च, 2020 में 55 करोड़, मार्च 2021 में 52 करोड़ रुपये जमा कराए। हाइ कोर्ट ने याचिका पर आवंटी के प्रत्यावेदन को सुनने के लिए यमुना प्राधिकरण को निर्देश दिए थे। प्राधिकरण आगामी बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव रखने जा रहा है।

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