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फेसबुक डाटा चोरी मामले में यहां कैंब्रिज एनालिटिका के ऑफिस पर छापा

लंदन : यूके के इंफॉर्मेशन कमिश्नर ऑफिस (आईसीओ) के लिए काम करने वाले ब्रिटिश एनफोर्समेंट अफसरों ने फेसबुक डाटा चोरी मामले में यहां कैंब्रिज एनालिटिका के ऑफिस पर छापा मारा। इंफॉर्मेशन कमिश्नर ऑफिस ने कहा है कि यह एक बड़ी जांच की सिर्फ शुरुआत है। ब्रिटिश मीडिया ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है। कैंब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का पर्सनल डाटा चोरी करने और उसका 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थन में इस्तेमाल करने का आरोप है। हालांकि, कंपनी ने आरोपों से इनकार मिली जानकारी के अनुसार यूके इंफॉर्मेशन कमिश्नर एलिजाबेथ डेनहैम ने बीते 7 मार्च को कैंब्रिज एनालिटिका के रिकॉर्ड्स और डाटा की एक्सेस मांगी थी। कंपनी ने जवाब नहीं दिया तो कोर्ट से वारंट मांगा गया। बुधवार को स्थानीय जज ने वारंट जारी कर दिया। यूके में आईसीओ डाटा प्रोटेक्शन का जिम्मा संभालता है। वह पिछले साल मई से इस केस की जांच कर रहा है। उसका कहना है कि अभी सिर्फ सबूत जुटाए जा रहे हैं। यह शुरुआत है, कार्रवाई बाद में होगी। कैंब्रिज एनालिटिका ने इस कार्रवाई पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इससे पहले फेसबुक के ऑडिटर्स ने भी कैंब्रिज एनालिटिका के लंदन ऑफिस में सर्च की थी, लेकिन इंफॉर्मेशन कमिश्नर की आपत्ति के बाद टीम लौट गई थी।
कैंब्रिज एनालिटिका की पूर्व डायरेक्टर ब्रिटनी कैसर ने भी डाटा लीक की पुष्टि की है। वह इस कंपनी में 2014 से मार्च 2018 तक बिजनेस डेवलपमेंट डायरेक्टर के पद पर रहीं। उन्होंने कांट्रैक्ट को लेकर हुए विवाद के बाद दो हफ्ते पहले ही इस्तीफा दे दिया। द गार्जियन को दिए इंटरव्यू में ब्रिटनी ने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत और ब्रेक्जिट के लिए फेसबुक ही नहीं गूगल, ट्विटर और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का गलत इस्तेमाल हुआ। कैंब्रिज एनालिटिका ब्रिटेन के लंदन में स्थित डाटा एनालिटिकल कंपनी है, जो चुनाव प्रचार में वोटर्स के डाटा एनालिसिस का काम करती है और उसके अनुसार अपने क्लाइंट को चुनाव प्रचार में मदद करती है। कंपनी ने 2016 में अमेरिकी चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप का चुनावी कैंपेन संभाला था। कैंब्रिज एनालिटका पर ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के अभियान ब्रेग्जिट और कई देशों के चुनावों को प्रभावित करने का आरोप भी है। इस कंपनी ने दुनिया भर में 200 से ज्यादा चुनावों में काम किया है। इसे पहचान 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी को जीत दिलाने के बाद मिली। कंपनी के पूर्व कर्मचारी क्रिस्टोफर वायली के खुलासों से पता चला है कि कैंब्रिज एनालिटिका में डाटा एनालिसिस्ट, रिसर्चर, डिजिटल मार्केटिंग की समझ रखने वाले लोग काम करते हैं।
कैंब्रिज एनालिटिका के एक्टिंग सीईओ एलेक्जेंडर टेलर ने शुक्रवार को माफी मांगी। कहा कि उनकी सहयोगी फर्म एससीएल इलेक्शन ने बिना किसी को भरोसे में लिए फेसबुक डाटा और उससे जुड़ी जानकारी रिसर्च कंपनी जीएसआर से हासिल की, इसके लिए वे माफी मांंगते हैं। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि यह सब फेसबुक के नियमों के तहत किया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि फेसबुक डाटा का अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इस्तेमाल नहीं किया गया। एलेक्जेंडर टेलर ने कंपनी के पूर्व कर्मचारी क्रिस्टोफर वायली के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वायली सिर्फ एक प्राइवेट कांट्रेक्टर थे। वे कैंब्रिज एनालिटिका में एक साल से भी कम रहे, ऐसे में उन्हें तो ठीक से यह भी पता नहीं था कि आखिर कंपनी काम कैसे करती है। टेलर ने कहा कि वायली कैंब्रिज एनालिटका के रिसोर्स का इस्तेमाल अपनी कंपनी खड़ी करने के लिए करना चाहते थे, जब इसका विराेध किया गया तो उन्होंने कंपनी छोड़ दी।

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