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फ्लिपकार्ट जैसे दिग्‍गजों को चुनौती देगा देशी ‘ई-लाला

e lala‘नई दिल्ली,  केंद्र सरकार ई-कॉमर्स पर लगाम लगाने के पक्ष में नहीं है, यह साफ होते ही देशी किराना दुकानदारों ने भी इसकी चुनौती से सीधे निपटने का मन बना लिया है। देश के लाखों छोटे-बड़े दुकानदारों ने ई-लाला के नाम से अपना राष्ट्रव्यापी पोर्टल लांच करने का फैसला किया है। खुदरा कारोबारियों के संगठन सीएआइटी ने इसे अगले महीने नागपुर में प्रायोगिक तौर पर लांच करने की तैयारी की है। अक्टूबर, 2015 तक इसे देश भर में लांच करने की योजना है।कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआइटी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने दैनिक जागरण को बताया कि ई-कॉमर्स आज की हकीकत है। इससे हम मुंह नहीं चुरा सकते। यही वजह है कि इस चुनौती का सामना करने का फैसला किया है। हमारी योजना है कि देश के करोड़ों दुकानदार सीधे तौर पर ई-लाला प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत हो और अपना कारोबार करें। पहले किराना दुकानदारों को इसमें शामिल किया जाएगा। बाद में सर्विस सेक्टर के छोटे दुकानदारों और गैर बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) वगैरह को भी शामिल किया जाएगा। शुरू में हर शहर में तीन से चार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। लेकिन बाद में जितनी भी राशि लगेगी, उतना लगाया जाएगा। सीएआइटी इसके लिए दुनिया की बेहतरीन तकनीकी और ढांचा तैयार करने का काम करेगा।सीएआइटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने ई-लाला के प्रयोग के बारे में बताया कि इसके तीन अहम पहलू होंगे, जो इसे संगठित क्षेत्र की बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों से अलग करेगा। पहला तो इसमें सिर्फ वही पंजीकृत होगा, जिसकी अपनी दुकान हो। दूसरा यह शहर आधारित केंद्र होगा यानी ग्राहक चाहे तो ऑनलाइन ले या फिर सामान सीधे दुकान पर जाकर ले। तीसरा, यहां विक्रेता और खरीददार के बीच सीधा संपर्क होगा। कमीशन लेने वाला कोई बिचौलिया नहीं होगा।रोजमर्रा के सामान या किराना के सामान ऑनलाइन बेचने का धंधा धीरे-धीरे भारत में जोर पकड़ने लगा है। पिछले कुछ हफ्तों के भीतर मायग्रोसरीज, ईबनिया, बिग बास्केट, ग्रोफर्स, ग्रोसरमैक्स जैसी तमाम कंपनियां बाजार में आ चुकी हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इंटरनेट से बिकने वाले सामानों में रोजमर्रा की चीजें दूसरे स्थान पर होंगी। हर साल इसमें 30-35 फीसद का इजाफा होने के आसार हैं। भरतिया कहते हैं कि जो खुदरा कारोबार तकनीकी को नहीं अपनाएगा और ई-कॉमर्स पर नहीं आएगा, उसके सामने जीविका आना तय है।

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