उत्तर प्रदेशराज्यलखनऊ

बुरी ख़बर : लखनऊ में सबसे बड़ी कंपनी TCS होगी बन्द, 2000 आईटी पेशेवरों पर संकट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आईटी सेक्टर में काम कर रहे लोगों पर नौकरी का सबसे बड़ा संकट मंडराने लगा है। लखनऊ में आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) बंद होने वाली है। TCS कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट व उत्तर क्षेत्र के प्रमुख तेज पॉल भाटला बुधवार को लखनऊ पहुंचे। उन्होंने यहां विभिन्न प्रोजेक्ट्स के प्रमुखों को दिसंबर तक अपने काम पूरे करने या यहां से नोएडा या इंदौर स्थानांतरित कर पाने की अवस्था में लाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही अस्त उन्होंने इसकी सूचना अपनी-अपनी टीमों को देने के लिए भी कहा। बता दें TCS की शुरुआत सन 1987 में विधानसभा मार्ग स्थित तुलसी गंगा कॉम्प्लेक्स में शुरू हुई थी। टीसीएस में 200 से अधिक कर्मचारी हो जाने पर 11 साल पहले विभूति खंड स्थित अवध टीसीएस पार्क में शिफ्ट की गई।
 
2000 आईटी पेशेवरों पर संकट
 
TCS कंपनी के इस फैसले से कंपनी में कार्यरत लगभग 2000 आईटी पेशेवरों पर संकट के बदला मंडराने लगे हैं। उनका कहना है कि उनके पास सिर्फ दो ऑप्शन हैं। या तो वो शहर छोड़ें या तो नौकरी। जानकारी के मुताबिक TCS कंपनी के कर्मचारियों ने इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करने की मांग की लेकिन उन्हें वहां से भी निराशा हाथ लगी। अभी तक उन्हें कोई उम्मीद नहीं बंधी है। सूत्रों के अनुसार इसी मामले में टीसीएस ने प्रदेश सरकार से वार्ता की थी, जिसमें बताया गया था कि आर्थिक वजहों से वह अपने कुछ स्टाफ व प्रोजेक्ट को इंदौर व नागपुर भेज रही है।
 
लखनऊ की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बुरा असर
 
TCS के इस फैसले से लखनऊ में फैले आईटी हब पर बुरा असर पड़ेगा। लखनऊ की अर्थव्यवस्था पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है। खबरों के मुताबिक राजधानी लखनऊ में कंपनी का संचालन आर्थिक रूप से नुकसानदायक होने पर TCS ने यह कदम उठाया है।
 
TCS के फैसले की यह वजह बताई जा रही है
 
सूत्रों के अनुसार TCS कंपनी के इस फैसले की सबसे बड़ी वजह यह बताई जार रही है कि यह कंपनी विभूति खंड स्थित अवध पार्क में किराए पर चल रही है। इसके मालिक ने किराया बाजार दर पर बढ़ाने का निर्णय लिया जिसके बाद यह स्थियाँ पैदा हो गई हैं। उसके पास लखनऊ में अपनी बिल्डिंग नहीं है। न इतने संसाधन हैं कि निर्माण करवा सके। लखनऊ में 400 आईटी प्रोफेशनल और वाराणसी में नया केंद्र खोल कर वहां भी करीब 300 प्रोफेशनल को काम पर रखेगी। इससे पहले जनवरी में बिल्डर द्वारा टीसीएस के लिए की गई अवध पार्क की 10 साल की लीज मई 2017 में खत्म होने की बात सामने आई थी। क्षेत्रीय प्रमुख अमिताभ तिवारी ने तब ‘अमर उजाला’ को बताया था कि लीज खत्म होने की खबरें भ्रामक हैं। हालांकि तब भी उन्होंने इमारत की लीज को लेकर कोई बात कहने से इन्कार किया था। अब सामने आया है कि मई 2017 में लीज 11 महीने के लिए रीन्यू की गई है, जो अप्रैल 2018 में खत्म हो जाएगी। इस दौरान टीसीएस अपना काम समेटेगी।
 
कर्मचारियों ने लगाए ये आरोप
 
TCS में काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री को कथित तौर पर लिखे पत्र में कंपनी के सभी दावे गलत हैं। उनका कहना है कि 25 हजार करोड़ मुनाफा कमाने वाली कंपनी के पास संसाधनों की कमी कैसे हो सकती है? वहीं वाराणसी में भी कंपनी कोई निवेश नहीं करने जा रही, बल्कि ठेके पर काम करवाया जाएगा।
 
महिलाओं पर छाए संतट के बादल
 
TCS के इस फैसले से दो हजार आईटी प्रोफेशनल को नौकरी का संकट तो मंडरा ही रहा है। इसके साथ ही साथ इनमें करीब 50 फीसदी महिलाएं हैं और परिवारों सहित लखनऊ में रह रही हैं। इन पर जॉब को लेकर सबसे बड़ा संकट मंडराने लगा है। इन सभी के लिए अपने परिवार छोड़कर नौकरी के लिए दूसरे शहर जाना मुश्किल हो जाएगा। इन प्रोफेशनल के पास विकल्प नहीं हैं, वे नोएडा या इंदौर जाएं या इस्तीफा दें। ऐसे समय में जब यहां अधिकतर कर्मचारी यूपी के ही हैं और प्रदेश सरकार ने रतन टाटा को अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाया है। अगर उन्हीं के ग्रुप की कंपनी टीसीएस बंद होता है तो उत्तर प्रदेश के लिए नुकसानदेह साबित होगा।
 

Related Articles

Back to top button