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बोइंग भारत में अपने एफए-18 सुपर हॉरनेट लड़ाकू जेट विमानों के को लेकर ‘बातचीत’ जारी

super-hornet_650x400_51454493970दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ नई दिल्ली: अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग भारत में अपने एफए-18 सुपर हॉरनेट लड़ाकू जेट विमानों का निर्माण करने को लेकर ‘बातचीत’ कर रही है। यह जानकारी कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेनिस मिलेनबर्ग के हवाले से बुधवार को दी गई है, जो भारत की पहली यात्रा पर आए हुए हैं।

अंग्रेज़ी दैनिक ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ को दिए साक्षात्कार में डेनिस मिलेनबर्ग ने कहा, “हम ‘मेक इन इंडिया’ से सीधे जुड़ने के लिए सुपर हॉरनेट को एक अवसर के रूप में देखते हैं…” इस साक्षात्कार की सत्यता की पुष्टि कंपनी ने कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ अभियान इसी उद्देश्य से शुरू किया गया था, ताकि भारत का औद्योगिक आधार बढ़ाया जा सके।

इंटरव्यू में डेनिस मिलेनबर्ग की कही बातों के मुताबिक, बोइंग भारत में अपनी परियोजना की संचालन ज़रूरतों के मद में अरबों अमेरिकी डॉलर का निवेश करने के लिए तैयार है।

फिलहाल भारत फ्रांस की कंपनी डासॉल्ट एविएशन एसए (Dassault Aviation SA) से 36 फ्रांस-निर्मित राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। माना जा रहा है कि इस सौदे के तहत प्रत्येक विमान की कीमत लगभग 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर के आसपास होगी।

सो, अब विमान निर्माता कंपनियां नई पेशकश लेकर लगातार भारत को लुभा रही हैं, और वे भारत में निर्माण के लिए भी तैयार होने का दावा कर रही हैं। इन्हीं कंपनियों में स्वीडन की साब एबी (Saab AB) भी शामिल है, जो एक-इंजन वाले अपने ग्रिपेन (Gripen) विमान के लिए भारत सरकार से सौदा करना चाहती है।

पहले भारत के मीडियम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के लिए निकाले गए मूल टेंडर में से दो-इंजन वाले सुपर हॉरनेट विमान को हटा दिया गया था, और सेंट लुई में इसकी निर्माण इकाई का भविष्य भी डांवाडोल है।

अंग्रेज़ी दैनिक ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ ने डेनिस मिलेनबर्ग के हवाले से कहा, “मैं यह नहीं कहूंगा कि आधिकारिक रूप से कोई ऑर्डर मिल गया है… अभी सिर्फ बातचीत हो रही है…”

एफए-18 सुपर हॉरनेट लड़ाकू जेट विमानों के अलावा डेनिस ने लॉकहीड मार्टिन कॉर्प (Lockheed Martin Corp) के साथ मिलकर विकसित किए गए फिफ्थ-जेनरेशन के लड़ाकू विमान एफ-22 रैप्टर (F-22 Raptor) को भी भविष्य में भारत के साथ सौदे के लायक विमान बताया। उन्होंने कहा, “यह (एफ-22 रैप्टर) भावी निवेश का ऐसा क्षेत्र है, जिसमें हमें रुचि है…”

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