शेल कम्पनी के जरिए कालाधन ठिकाने वालों के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. केंद्र सरकार के मुताबिक 13 बैंकों ने नोटबंदी के बाद विभिन्न बैंक खातों से गलत लेनदेन की बेहद महत्वपूर्ण जानकरियां दी है. दो महीने पहले पीएम मोदी ने चार्टर अकाउंट्स के एक प्रोग्राम में कहा था नोटबंदी के बाद सरकार ने 2 लाख शेल कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए हैं, क्योंकि इन कंपनियों ने काले धन को सफेद करने का काम किया है.
अब सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 2,09,032 संदिग्ध कंपनियों का रजिस्ट्रार ऑफ कम्पनिज ने रजिस्ट्रेशन रद्द किया है. उनमें से 5,800 कंपनियों के बैंक ट्रांजेक्शन की जानकारी मिल गई है. 13 बैंकों ने 5800 कंपनी के 13,140 खातों की जानकारी सरकार को दी है, जिसमें कई चौकाने वाली बात सामने आई हैं.
इन 5800 शेल कंपनियों में से लगभग 100 से ज्यादा शेल कंपनियों के बैंक खातों की जो जानकारी सामने आई हैं, उनमे से एक कंपनी जिसका नाम गोल्ड सुख ट्रेड इंडिया लिमिटेड है, जिसका पीएएन AACC3354K है और इस कम्पनी के 2134 खाते हैं. इसी तरह अश्विनी वनस्पति इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी है, जिसके 915 बैंक खाते होने की बात सामने आई है. इसी क्रम में अनुजय एग्जाम प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी सामने आया है, जिसके कुल 313 बैंक अकाउंट है. इस तरह की कई कंपनियां हैं, जिनके 150 से ज्यादा बैंक खाते पाए गए हैं, जिनमे नोटबंदी के बाद काले धन को सफेद करने काम किया गया था.
इन शेल कंपनियो के बैंक खातों में 8 नवंबर 2016 तक जीरो बैलेन्स था या बेहद कम रकम थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी के दौरान इन शेल कंपनियों के 13140 बैंक खातों में 4,573.87 करोड़ रुपये जमा किए गए. साथ ही कुछ ही दिनों के भीतर 4,552 करोड़ रुपये इन खातों से निकाल भी लिए गए. यानी अब इन बैंक अकाउंट्स में सिर्फ 22 करोड़ रुपये ही रह गए हैं. इस पता चलता है कि इन शेल कंपनियों के 13140 खातों में प्रति अकाउंट लगभग 16741 रुपये ही रह गए हैं.
फिलहाल ये जानकारी केवल 2.5% फीसदी शेल कंपनियों के बारे में है. सरकार को उम्मीद है कि रद्द की गई 1 लाख 95 हजारर शेल कंपनियों के खातों की जानकारी मिलेगी तो केंद्र सरकार की काले धन के खिलाफ मुहिम के सफल होने की कहानी लिखनी भी शुरू हो जाएगी.