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बड़ा खुलासा: दिल्ली में सबसे ज्यादा और भोपाल में सबसे कम परिवहन से होता है प्रदूषण

देश की राजधानी दिल्ली में परिवहन की वजह से सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है। वहीं मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदूषण का स्तर सबसे कम है। यह खुलासा एक शोध रिपोर्ट में हुआ है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) ने देश के 14 शहरों का अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट जारी की है। सीएसई ने जिन शहरों का अध्ययन किया है उनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, जयपुर, लखनऊ, कोच्चि, भोपाल, विजयवाड़ा और चंडीगढ़ शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार वाहनों से निकलने वाले पर्टिकुलेट मैटर, नाइट्रोजन ऑक्साइड और हीट ट्रैपिंग कार्बन डाईऑक्साइड पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भोपाल में 47 प्रतिशत यानी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी साइकिलिंग और पैदल चलने वालों की है। इस रिपोर्ट को अर्बन कम्युट शीर्षक से कोलकाता में आयोजित सेमिनार में जारी किया गया है। सीएसई की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी ने स्वच्छ परिवहन और कार्बन उत्सर्जन कम करने की जरुरत पर जोर देते हुए शहरों को इसके लिए नीति बनाने को कहा।

चौधरी ने कहा, ‘पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए सार्वजनिक परिवहन के साथ ही साइकिल और पैदल चलने पर जोर दिया। निजी वाहनों से निकलने वालीं ग्रीनहाउस गैसों से प्रदूषण फैल रहा है। लोगों को यह बात समझनी चाहिए।’ रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की स्थिति सबसे बेकार है। यहां परिवहन से होने वाला प्रदूषण सबसे ज्यादा है। यहां ग्रीन हाउस गैसें जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन शहर की हवा को प्रदूषित कर चुकी हैं।

वहीं स्वच्छ परिवहन के मामले में कोलकाता बेहतर स्थिति में हैं। देश के 6 बड़े शहरों में कोलकाता और मुंबई में सबसे ज्यादा सरकारी परिवहन हैं। इसके बावजूद यहां परिवहन से सबसे कम प्रदूषण होता है। कोलकाता में कम दूरी की यात्राएं ज्यादा होती हैं। वहीं दिल्ली तीसरा ऐसा शहर है जहां सबसे ज्यादा सरकारी परिवहन हैं। यहां वायु प्रदूषण, निजी और सरकारी वाहनों की संख्या और लंबी दूरी की यात्राएं सबसे ज्यादा हैं। इसी वजह से यहां का परिवहन सबसे ज्यादा प्रदूषित है।

भोपाल में टॉक्सिक कार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन सबसे कम मिला। यहां रोजाना 60 किलोग्राम टॉक्सिक उत्सर्जन होता है। वहीं दिल्ली में यह 1200 किलोग्राम से ज्यादा है। कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद और चेन्नई की तुलना में दिल्ली में हर रोज दो से तीन करोड़ ज्यादा परिवहन चलते है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भोपाल में बीएस-5 पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल होना चाहिए। यहां फिलहाल बीएस-4 पेट्रोल का इस्तेमाल हो रहा है। यहां वाहनों में यदि सीएनजी का उपयोग होना शुरू किया जाए तो प्रदूषण का स्तर और कम हो जाएगा।

प्रदूषण के मामले में किस शहर को मिला कौन सा स्थान

1. दिल्ली 
2. चेन्नई 
3. बेंगलुरू 
4. हैदराबाद 
5. मुंबई 
6. पुणे 
7. अहमदाबाद
8. कोलकाता 
9. जयपुर 
10. कोच्चि 
11. लखनऊ 
12. चंडीगढ़ 
13. विजयवाड़ा 
14. भोपाल

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