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भारत को चांद पर पहुंचने के सपने को लगा बड़ा झटका, तकनीकी गड़बड़ी से मिशन चंद्रयान-2 फिर टला

भारत और इजरायल के बीच चांद पर पहुंचने वाले दुनिया के चौथा देश बनने की रेस लगी हुई है। बीते साल तक तो लग रहा था कि साल 2018 में भारत का ये सपना पूरा हो जाएगा लेकिन अब इस सपने झटका लगा है। देश का सबसे महत्वकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 एक बार फिर से टाल दिया गया है। इसे इसी साल अक्तूबर के पहले सप्ताह में भेजा जाना था लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के चलते ऐसा नहीं हो पाएगा। बताया जा रहा है कि इसे अब दिसंबर 2018 तक टाल दिया गया है। इस मिशन के दौरान इसे पिछले साल 23 अप्रैल को भेजा जाना था लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।

भारत को चांद पर पहुंचने के सपने को लगा बड़ा झटका, तकनीकी गड़बड़ी से मिशन चंद्रयान-2 फिर टलापहले नंबर पर है अमेरिका

बता दें चांद पर पहुंचने वाले तीन देशों की लिस्ट में पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर रूस और तीसरे पर चीन है। अब दो एशियाई देशों के बीच प्रतियोगिता हो रही है कि कौन चौथा स्थान हासिल करेगा। अब यह देखने वाली बात होगी कि इजरायल भारत से पहले चांद पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवा पाता है या नहीं।

जानकारी के लिए बता दें यह भारत की दूसरी चांद यात्रा है। इसके अलावा भारत के मून रोवर की पहली तस्वीर भी इसरो के 800 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट चंद्रयान-2 मिशन का ही अहम हिस्सा है। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-2 पूरी तरह से विदेश में विकसित मिशन है। चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान का वजन करीब 3,290 किलोग्राम है और वह चांद के चारों ओर चक्कर लगाते हुए आंकड़े एकत्रित करेगा।

सूत्रों के अनुसार चांद पर जीएसएलवी एमके 2 की बजाय तीन उतरेगा क्योंकि इस स्पेस्क्राफ्ट की क्षमता पहले वाले से ज्यादा है। जीएसएलवी एमके 2 के पास तीन टन उठाने की क्षमता है लेकिन जीएसएलवी एमके 3 के पास चार टन उठाने की क्षमता है।

मिशन पर खर्च हुए 800 करोड़ रुपये

इस मिशन पर कुल 800 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इससे पहले मंगलयान मिशन पर 470 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। 

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