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कपोतासन से शरीर स्वस्थ और सुडौल रहता है

लखनऊ : आजकल ज्यादातर वक्त कंप्यूटर के सामने बैठे बैठे गुजरता है| अधिकतर कंपनी में कम से कम 9 घंटे का समय तो रहता ही है| इस वजह से इन लोगों का कम से कम 9 घंटे तक थोडा भी फिजिकल वर्कआउट नहीं होता है| इस तरह बैठे रहने से शरीर पर फेट जमने लगता है| खासकर कमर और जाघों के हिस्से पर| इन हिस्सों पर चर्बी जमने पर शरीर बेडौल दिखने लगता है| इस कारणवश लोग न अपने हिसाब से कपडे पहन पाते है और तो और शरीर पर जमी चर्बी कई रोगों को आमंत्रण भी देती है|
कपोतासन का अभ्यास शरीर से चर्बी घटाने का काम करता है, और अभ्यास करने से छाती और फेफड़े भी मजबूत भी होते है| कपोतासन को करते वक्त शरीर की स्थिति कबूतर की तरह हो जाती है इसलिए इसे कपोत्ताससन कहा जाता है| शरीर को स्‍वस्‍थ्‍य रखने तथा तनाव दूर करने के लिए यह योग मुद्रा बहुत महत्वपूर्ण है। कपोतासन से पीठ दर्द से राहत मिलती है। कपोतासन का अभ्यास करके अन्य आसन की मुद्राओं को भी सुधारा जा सकता है। यह आसन निम्न रक्तचाप और उच्च रक्तचाप दोनों में फायदेमंद है| यह आसन का अभ्यास सीने को फ़ैलाने और चौड़ा करने में मदद करते है| शरीर में जकडन और पीठ दर्द दोनों से राहत पाने के लिए इस आसन को करना फायदेमंद है| पेट की चर्बी कम करने और शरीर को सुडौल बनाने में सहायक है| अस्थमा और श्वास संबंधी अन्य बीमारियों से बचाव के लिए ये आसन किया जाना चाहिए। इसे करने से शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता है। क्योकि इसमें जांघों, एडियों, जोडों, सीने, पेट और सभी अंगों पर दबाव पढता है| इसके पश्चात आपके दोनों हाथों को कमर के नीचे की तरफ ज़मीन पर टिकाएं तथा हथेलियां ज़मीन पर रहें, अपनी हथेलियों का सहारा लेते हुए धीरे-धीरे पीछे की और मुड़ जाये| अब धीरे धीरे अपने कमर को मोड़े, अपने सिर के ऊपरी हिस्से को पीछे की तरफ मोड़कर ज़मीन से टिकाने का प्रयत्न करें|
अपने हाथों को ध्यानपूर्वक धीरे से सिर के पीछे ले जाएं और अपनी हथेलियों को ज़मीन रखे| अपनी जांघों को ऊपर की तरफ उठाएं तथा हाथों को सीधा करने का प्रयत्न करें। इस मुद्रा में कुछ देर बने रहे, गहरी साँसे लें। अब अपनी शुरुआती अवस्था में लौट आएं। गर्भावस्था और पीरियड्स के दौरान कपोतासन का अभ्यास करना मना है|

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