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मध्यप्रदेश में हर ओर पानी-पानी, भोपाल में रात भर हुई बारिश

भोपाल : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत लगभग पूरे राज्य में तेज बारिश के दौर के चलते जनजीवन प्रभावित होने की खबरें हैं। राजधानी भोपाल में कल रात करीब नौ बजे से शुरु हुई बारिश का क्रम रात भर रुक-रुक कर जारी रहा। कई निचली बस्तियों में पानी भरने के चलते जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने इन स्थानों का मुआयना किया और व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। मौसम विभाग ने अभी आगामी 48 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश में कहीं-कहीं भारी से भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। विभाग ने इस दौरान इंदौर, उज्जैन, धार, अलिराजपुर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, नीमच, रतलाम, मंदसौर, राजगढ़, गुना, आगर, अशोकनगर, श्योपुर, शाजापुर, होशंगाबाद, हरदा, विदिशा, सीहोर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, अनूपपुर और डिंडोरी जिलों में कहीं-कहीं भारी से भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। बुरहानपुर जिले में भारी बारिश के चलते ताप्ती नदी खतरे के निशान से 10 मीटर ऊपर बह रही है और नदी का पानी शहर के निचले हिस्सों में घुसने से बाढ के हालात बन गए हैं। जिले में कुछ जगह बाढ़ की स्थिति के कारण नेपानगर का 8 से 10 गांवों से संपर्क टूट गया है। श्योपुर जिले में पिछले पांच दिन से हो रही भारी बरसात से नैरोगेज रेलखंड के कालिया नदी पुल के कमजोर होने से रेलमार्ग कल पांचवें दिन भी ठप रहा। राजस्थान का कोटा मार्ग भी पार्वती नदी के उफान से चार दिन से बाधित है।
श्योपुर जिला मुख्यालय स्थित प्राचीन किले की दीवार भी कल भारी बारिश के चलते ढह गई। किले में स्थित गुरु महल एवं बाला किले के मुख्य प्रवेशद्वार के बीच की लगभग 90 फीट की दीवार ढह गई। खंडवा जिले के नदी-नाले भी लगातार बारिश के कारण उफान पर हैं। जिले के आशापुर में अग्नि नदी में आई बाढ़ ने खासी तबाही मचाई, जिससे गांव के 50 से ज्यादा मकान आधे डूब गये और सड़कों से संपर्क टूट गया। एक कन्या आदिवासी हॉस्टल के डूब में आने से 177 कन्याओं की जान सांसत में आ गई, जिन्हें राहत अमले ने सुरक्षित निकाला। जिले के वन ग्राम सुंदरदेव में एक नाले के किनारे बने पांच झोपड़े बह गए। वहीं ग्राम बड़गांव में एक स्कूली छात्रा साइकिल से नाला पार करते हुए बह गई।

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