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मध्यप्रदेश : सांसद ने बसंत पंचमी पर भोजशाला में पूरे दिन पूजा की मांग का समर्थन किया

एजेन्सी/ dhar-bhojshala_650x400_61454569587धार: मध्यप्रदेश के धार की स्थानीय भाजपा सांसद सावित्री ठाकुर ने भोजशाला में ‘बसंत पंचमी’ पर प्रार्थना के लिए हिंदुओ को  विशेष प्रवेश देने की मांग का समर्थन किया है जहां मुसलमान भी नमाज अदा करते हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने भी कहा कि वह शांति सुनिश्चित करेगी और केंद्र तथा अदालत के निर्देशों का पालन करेगी। गौरतलब है कि सावित्री ठाकुर ने बुधवार शाम विवादास्पद स्थल के पास प्रार्थना का आयोजन किया था और कहा था कि ‘मुस्लिम करीब की किसी मस्जिद में नमाज अदा कर सकते हैं और उन्हें यह जगह हिंदुओं को बसंत पंचमी पर प्रार्थना के लिए दे देनी चाहिए।’

वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विवाद के मद्देनजर धार में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और विश्वास जताया कि वह दक्षिणपंथी नेता विजय सिंह राठौर को मनाने में कामयाब रहेंगे जिन्होंने मांग की है कि हिंदुओं को 11वीं सदी के इस स्मारक में पूजा करने के लिए ‘सुबह से शाम’ तक प्रवेश की अनुमति दी जाए। जिले के प्रभारी मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे मिश्रा ने कहा ‘हिंदू संगठन के लोग अपने लोग हैं और वह मान जाएंगे। बसंत पंचमी के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए भोजशाला के संबंध में केंद्र और उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन किया जाएगा।’

भोजशाला मंदिर भी, मस्जिद भी
बसंत पंचमी से पहले राठौर के बयान के बाद से तनाव का माहौल है जिन्होंने मांग की थी कि पिछले महीने एएसआई की ओर से जारी आदेश के बावजूद हिंदुओं को पूजा करने के लिए सुबह से शाम तक प्रवेश की अनुमति दी जाए। हिंदू भोजशाला को सरस्वती का मंदिर मानते हैं, वहीं मुसलमान इसे कमाल मौला मस्जिद बताते हैं। इस बीच कांग्रेस ने दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल हिंदू और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए वहां जा रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि ‘मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि विहिप के लोग उस जगह पर जाकर प्रार्थना क्यों करते हैं जहां कोई प्रतिमा नहीं है और लोग वहां नमाज अदा करते हैं। वे केवल लोगों के दिमाग में हिंदू-मुस्लिम विभाजन पैदा करने के लिए वहां जाते हैं।’ धार के एक निवासी ने याचिका दाखिल कर एएसआई के आदेश को रद्द करने की मांग की थी और फिलहाल मामला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में है। उच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार से याचिका पर तीन दिन के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा था। भोजशाला में इसी तरह की स्थिति 2003, 2006 और 2013 में पैदा हुई थी जब बसंत पंचमी और जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ी थी।

 

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