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मरीजों का बेहतर इलाज करें, उपचार के अभाव में नहीं होनी चाहिए कोई मौत

मुख्यमंत्री ने बीआरडी मेडिकल कालेज के  वार्ड का विधिवत निरीक्षण किया

गोरखपुर । प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीआरडी मेडिकल कालेज के जेईएईएस वार्ड का विधिवत निरीक्षण किया। उन्होंने आकस्मिक चिकित्सा कक्ष, आईसीणयूए नवजात शिशु सघन कक्ष में बेड टू बेड जाकर मरीजों का हाल जानाए उनका कुशल क्षेम पूछा तथा दवा की उपलब्धता, चिकित्सकीय व्यवस्था, साफ सफाई आदि को देखा और चिकित्सकों को निर्देश दिये कि मरीजों का बेहतर इलाज किया जाये, किसी भी मरीज की मृत्यु उपचार क अभाव में नही होनी चाहिए। निरीक्षण के पश्चात मुख्यमंत्री ने मेडिकल कालेज के अधिकारियों चिकित्सकों के साथ बैठक कर निर्देश दिये कि सभी सीएचसी जिला चिकित्सालय में उपचार की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए तथा इंसेफलाइटिस बीमारी के कारकए लक्षण एंव उसके बचाव के प्रति लोगों में जन जागरूकता लाई जाये ताकि जनमानस इस भयावह बीमारी से बच सके। उन्होंने सभी सीएचसी जिला चिकित्सालय में निःशुल्क उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि अपर निदेशक स्वास्थ्य एंव अन्य वरिष्ठ अधिकारी नियमित रूप से सीएसी का भ्रमण करते रहे तथा यदि वहां कोई कमी हो तो जनहित के दृष्टिगत तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाये। सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सकों की उपस्थिति अत्यावश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफलाइटिस की बीमारी अधिकांश रूप से बरसात के दिनों में ही होती है इसलिए यह आवश्यक है कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक उपस्थित रहे तथा दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। अभिभावक गण अपने बच्चों को बरसात में कीचड़ में बाहर न जाने देए फुल शर्ट पहनायेंए मच्छरदानी का प्रयोग करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि इंसेफलाइटिस प्रभावित संवेदनशील एंव अति संवेदनशील गांव का चयन कर जहां इस बीमारी के मरीज ज्यादा हों वहां स्वास्थ्य केन्द्र पर बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती अवश्य की जाये और सभी आईण्सीण्यूण् चालू हालत में होने चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने किसी भी अस्पताल में चिकित्सकीय आवश्यकता की कमी नही होनी चाहिएए कोई भी बच्चा उपचार के बिना न मरे। उन्होंने यह भी कहा कि इंसेफलाइटिस के साथ साथ डेंगू से बचाव के भी पूरे इंतेजाम किये जायेंए व्यापक पैमाने पर फाागिंग करायी जायेए मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को प्रेरित किया जाये कि बीमारी के लक्षण दिखते ही मरीज को तत्काल सरकारी अस्पताल लेजाकर इलाज प्रारम्भ करा दें। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इलाज के प्रति किसी भी स्तर पर लापरवाही नही होनी चाहिए अन्यथा संबंधित चिकित्साधिकारी की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने साफ सफाई व्यवस्था पर विशेष बल देते हुए कहा कि ग्राम पंचायतों में कही भी गंदगी नही दिखनी चाहिए अन्यथा डीपीआरओ एंव अन्य संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने इसके साथ ही जनमानस को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि अशुद्ध पेयजल ही एण्ईण्एसण् जैसी बीमारी को जन्म देती है। उन्होंने यह भी कहा कि जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज के बीच आपसी संवाद का होना भी आवश्यक है। इसी प्रकार जिला चिकित्सालय एंव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का भी समन्वय नितान्त आवश्यक है। सभी स्वास्थ्य केन्द्र पर डाक्टर्स एंव पैरामेडिकल स्टाफ पर्याप्त होने चाहिए। चिकित्सालयों का निरीक्षण टीम बनाकर एंव नोडल अधिकारी नामित कर निरन्तर कराया जाये।

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