अजब-गजब

महाकाल की इस पूजा के दौरान महिलाओं को करना पड़ता है घूँघट, वजह जानकर रह जायेंगे हैरान

भगवान शिव के अनेक रूप और अवतार हैं जिनमें से महाकाल का अवतार सबसे रहस्‍यमयी माना जाता है।भोलेनाथ महाराष्‍ट्र की उज्‍जैन नगरी में महाकाल के रूप में विराजमान हैं। उज्‍जैन के महाकालेश्‍वर मंदिर में दिन में 6 बार आरती होती है जिसमें सबसे खास भस्‍म आरती को माना जाता है। सुबह 4 बजे भस्‍म आरती की जाती है।
महाकाल की भस्‍म आरती के बारे में विशेष बातें :
अगर कोई महिला भस्‍म आरती में शामिल होना चाहती है तो उसे इसके लिए साड़ी पहनना जरूरी है। जिस समय शिवलिंग पर भस्‍म चढ़ती है उस वक्‍त महिलाओं को घूंघट करने का कहा जाता है। माना जाता है कि उस समय भगवान शिव निराकार स्‍वरूप में होते हैं। इस रूवरूप में दर्शन करने की अनुमति महिलाओं को नहीं होती है।
ये है कारण:
पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राचीन काल में दूषण नाम का एक राक्षस था जिसने पूरे उज्‍जैन में उत्‍पात मचा रखा था। इस राक्षस से मुक्ति पाने के लिए सभी नगरवासी भगवान शिव की शरण में गए। इस आग्रह पर भगवान शिव ने उस राक्षस का वध कर दिया। प्रसन्‍न होकर नगरवासियों ने भगवान शिव से वहीं बस जाने का आग्रह किया। बस तभी से भगवान शिव उज्‍जैन नगरी में महाकाल के रूप में विराजमान हैं।
भगवान शिव ने दूषण से युद्ध के बाद उसका वध कर उसकी राख से अपना श्रृंगार किया और यही वजह है कि इस मंदिर का नाम महाकालेश्‍वर रख दिया गया और शिवलिंग की भस्‍म से आरती की जाने लगी।
भस्‍म आरती के नियम:
यहां पर श्‍मशान  में जलने वाली सुबह की पहली चिता की राख से भगवान शिव का श्रृंगार किया जाता है। इस भस्‍म के लिए पहले से लोग मंदिर में रजिस्‍ट्रेशन करवाते हैं ताकि उनकी मृत्‍यु के बाद उनकी भस्‍म से भगवान शिव का श्रृंगार किया जाए।

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