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मियादी बुखार होने के संकेत हैं ये 5 लक्षण, जानें उपचार

टाइफाइड बुखार एक खतरनाक रोग है, इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है। यह बैक्टीरिया साल्मोडनेला टायफी से होता है। टाइफाइड को एंटीबायोटिक दवाइयों से रोका तथा इसका उपचार किया जा सकता है। टाइफाइड की संभावना किसी संक्रमित व्यक्ति के जूठे खाद्य-पदार्थ के खाने-पीने से भी हो सकती है या फिर गंदे पानी या अस्वच्छ खाद्यान्न के सेवन से। आइए जानें टाइफाइड से संबंधित अन्य जानकारियों के बारे में। 

टाइफाइड के लक्षण

  • आमतौर पर टाइफाइड ग्रसित व्यक्ति को 102 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बुखार रहता है और उनके शरीर में बहुत कमजोरी भी महसूस हो सकती है।
  • पेट में दर्द, सिर दर्द के अलावा भूख कम लगना भी इसके आम लक्षण है। इसके अलावा टाइफाइड में सुस्ती व कमजो़री आती है, उल्टी महसूस होती है।
  • बड़ों में कब्ज़ तथा बच्चों में दस्त भी हो सकता हैं। आँतों के संक्रमण के कारण शरीर के हर अंग में संक्रमण हो सकता है, जिससे कई अन्य संक्रमित बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • आँतों के जख्म या अल्सर के फटने से आपरेशन की स्थिति बन सकती है। टाइफाइड को जांचने के लिए मल का नमूना या खून के नमूने में साल्मोनेला टायफी की जांच की जाती है।
  • टाइफाइड बुखार आमतौर पर 1 महीने तक होता है, लेकिन अधिक कमजोरी होने पर अधिक समय तक भी रह सकता है। इतना ही नहीं इससे शरीर में बहुत कमजोरी आ जाती है, जिससे व्यक्ति को सामान्य स्वास्‍थ्‍य की स्थिति में आने में बहुत समय लग जाता है।

टाइफाइड से बचाव

  • इसके लिए शीघ्र रोग की पहचान जरूरी होती है, ताकि रोग के संवाहक, रोगी से सावधान रहा जा सके।
  • टाइफाइड के रोगी को अस्पताल में भरती करवाकर इलाज देना बेहतर रहता है। यदि यह संभव न हो तो घर पर ही उसे अलग रखने का प्रयास करना चाहिए।
    परंतु यह ध्यान रहे कि उसे पूरी मात्रा में पर्याप्त समय तक दवाइयाँ खिलाई जाएँ।
  • टाइफाइड रोगी के मल-मूत्र के संपर्क से बचने के लिए विशेष सावधानियाँ रखी जाए जैसे नाखून काटना, खाने के पहले अच्छी तरह से हाथ साफ करना, खुले स्थानों में शौच न जाना। संभव हो तो प्रत्येक घर में सेप्टिक टेंकवाला पक्का शौचालय बनवाना चाहिए।
  • ढकी नालियों द्वारा गंदगी के निष्कासन की व्यवस्था भी होनी चाहिए। पेयजल एवं भोजन की शुद्धता पर भी पर्याप्त ध्यान दिया जाना चाहिए। क्योंकि यदि भोजन-पानी टाइफाइड के जीवाणुओं से युक्त होगा तो रोग को फैलने से रोकना असंभव है।
  • बुखार से बचाव के घरेलू उपचार
  • पान का रस, अदरक का रस और शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम पीने से आराम मिलता है।
  • यदि जुकाम या सर्दी-गर्मी में बुखार हो तो तुलसी, मुलेठी, गाजवां, शहद और मिश्री को पानी में मिलाकर काढा बनाएं और पीएं। इससे जुकाम सही हो जाता है और बुखार भी जल्द ही उतर जाता है।
  • गर्मी के मौसम में टायफायड होने पर लू लगने के कारण बुखार होने का खतरा रहता है। ऐसे में आप कच्चे आम को आग या पानी में पकाकर इसका रस पानी के साथ मिलाकर पीएं।
  • जलवायु परिवर्तन की वजह से बुखार होने तुलसी की चाय पीने से आराम मिलता है। इसके लिए 20 तुलसी की पत्तियां, 20 काली मिर्च, थोड़ी सी अदरक, जरा सी दालचीनी को पानी में डालकर खूब खौलाएं। अब इस मिश्रण को आंच से उतारकर छानें और इसमें मिश्री या चीनी मिलाकर गर्म-गर्म पीएं।
  • तुलसी और सूर्यमुखी के पत्तों का रस पीने से भी टायफायड बुखार ठीक होते हैं। करीब तीन दिन तक सुबह-सुबह इसका प्रयोग करें।
  • बुखार में रोगी को अधिक से अधिक आराम की जरूरत होती है। भोजन का खास ख्याल रखें। बुखार होने पर दूध, साबूदाना, चाय, मिश्री आदि हल्की चीजें खाएं। मिश्री का शर्बत, मौसमी का रस, सोडा वाटर और कच्चे नारियल का पानी जरूर पीये।
  • पानी खूब पीएं और पीने के पानी को पहले गर्म करें और उसे ठंडा होने के बाद पीये। अधिक पानी पीने से शरीर का जहर पेशाब और पसीने के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता है।
  • लहसुन की कली पांच से दस ग्राम तक काटकर तिल के तेल में या घी में तलकर सेंधा नमक डालकर खाने से सभी प्रकार का बुखार ठीक होता है।
    तेज बुखार आने पर माथे पर ठंडे पानी का कपड़ा रखें तो बुखार उतर जाता है,और बुखार की गर्मी सिर पर नहीं चढ़ती है।
  • फ्लू में प्याज का रस बार-बार पीने से बुखार उतर जाता है,और कब्ज में भी आराम मिलता है।
  • पुदीना और अदरक का काढ़ा पीने से बुखार उतर जाता है। काढ़ा पीकर घंटे भर आराम करें, बाहर हवा में न जाएं।
  • घरेलू दवाओं से यदि आपको आराम न मिले, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उसके निर्देशानुसार इलाज करवाएं।

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