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‘मुक्काबाज’ रिव्यू: अपने सपनों को मुक्के के दम पर पूरा करता है ये यूपी का माइक टाइसन ‘मुक्काबाज’

'मुक्काबाज' रिव्यू: अपने सपनों को मुक्के के दम पर पूरा करता है ये यूपी का माइक टाइसन 'मुक्काबाज'डायरेक्टर: अनुराग कश्यप

स्टार कास्ट: विनीत कुमार सिंह, ज़ोया हुसैन, जिमी शेरगिल, रवि किशन, श्रीधर दूबे

जॉनरः स्पोर्ट्स ड्रामा 

स्टार : 5/3.5

भारत में ऐसी कई खेल प्रतिभाएं हैं जिन्हें अगर सही मार्गदर्शन मिले तो वह सच में देश का नाम रोशन कर सकती हैं लेकिन इनका सबसे बड़ा दुश्मन जातिवाद और भ्रष्टाचार है जो खेल में इनके साथ ‘गेम’ खेलता है. साफ शब्दों में कहें तो इन्हें आगे नहीं बढ़ने देता है. अनुराग कश्यप की फिल्म ‘मुक्काबाज़’ खेल में इस गंदे गेम को उजागर करती है. फिल्म की पूरी कहानी ‘मुक्काबाज़’ श्रवण पर बेस्ड है जिसे अपने सपने पूरे करने के लिए तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

कहानी- फिल्म की कहानी बरेली से  शुरु होती है जहां श्रवण सिंह (विनीत सिंह) नाम का एक बॉक्सर रहता है जो खुद को उत्तर प्रदेश का माइक टाइसन कहता है और जिसका सपना राष्ट्रीय स्तर का चैंपियन बनने का है. अपने सपने को पूरा करने के लिए वह स्थानीय दबंग कोच भगवान दास मिश्रा (जिमी शेरगिल) के यहां बॉक्सिंग सीखता है. लेकिन गन्दी सोच और जातिवाद के कारण उसे मौका नहीं दिया जाता है. जिसका श्रवण जमकर विरोध करता है और अपना दुश्मन भगवान दास को बना लेता है. लेकिन इस बीच श्रवण को भगवान दास की गूंगी भतीजी सुनैना (जोया हुसैन) से प्यार हो जाता है.

दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं और शादी करना चाहते हैं. लेकिन दोनों का ये रिश्ता भगवान दास को पसंद नहीं होता है. फिर शुरू होता है श्रवण और रसूखदार दबंग भगवान दास के बीच संघर्ष. फिल्म की पूरी कहानी श्रवण के मुक्काबाज बनने के कठिन संघर्ष पर आधारित है. लेकिन क्या श्रवण का ‘मुक्काबाज’ बनने का सपना पूरा होगा? और क्या वह सुनैना शादी कर पाएगा? क्या भगवान दास श्रवण को नेशनल खेलने देगा और वह उसके सामने कौन कौन सी मुश्किलें खड़ी करेगा? इन सब सवालों को जानने के लिए आपको पूरी फिल्म देखनी होगी.

डायरेक्शन- ‘मुक्काबाज’ डायरेक्टर अनुराग कश्यप की फिल्म है. फिल्म का डायरेक्शन कमाल का है. विनीत सिंह और जिमी शेरगिल के जबरदस्त एक्टिंग से सजी इस फिल्म के डायलॉग्स इसे और शानदार बनाते हैं. जिसमें इलाहाबाद और बनारस का टच देखने को मिलता है. फिल्म थोड़ी लम्बी जरुर है जिसे थोड़ा छोटा किया जा सकता था. लेकिन ओवरऑल फिल्म बेहतरीन है.

एक्टिंग- फिल्म में विनीत सिंह ने एक मंझे हुए अभिनेता की तरह से काम किया है. उन्होंने फिल्म के लिए खुद बॉक्सिंग सीखी. जो इसे और भी ख़ास बनाती है. वहीं जिमी शेरगिल एक दबंग की भूमिका में बिलकुल फिट दिखे. रवि किशन और जोया हुसैन ने बेहद संजीदगी से अपने किरदार को पर्दे पर उकेरा है. फिल्म में सभी किरदारों ने कमाल की एक्टिंग की है.

म्यूजिक- फिल्म का म्यूजिक बढ़िया है ‘पैंतरा’ और ‘बहुत हुआ सम्मान’ आपको काफी पसंद आएगा.

देखें या नहीं- अगर आप एक्शन के साथ जबरदस्त एक्टिंग वाली फ़िल्में देखना पसंद करते हैं जिसमें प्यार का तड़का भी हो तो ये फिल्म आपको जरुर पसंद आएगी. खासकर फिल्म जब एक खिलाड़ी के जीवन पर बनी हो, जिसे तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए अपने सपने को पूरा करना पड़े. फिल्म आप सभी को एक बार जरुर देखनी बनती है.

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