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मुस्लिम महिलाओं ने कबूला सच, पुलिस से कहा—साहब पति जबरदस्ती धरने पर भेजता है

लखनऊ : राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग के बाद आलीगढ़ में महिलाओं का धरना प्रदर्शन भी चर्चा में है। यहां करीब डेढ़ महीने से हजारों स्थानीय महिलाएं नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में प्रदर्शन कर रही हैं। पुरानी चुंगी, शाहजमाल और जीवनगढ़ में धरना देकर पुलिस प्रशासन की रडार पर आईं महिलाओं ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। एसीएम द्वितीय रंजीत सिंह ने बताया कि वह और सीओ तृतीय अनिल समानियां सोमवार को धरने में शामिल कुछ महिलाओं के घर गए थे। धरना प्रदर्शन को लेकर की गई पूछताछ में कई महिलाओं ने अपने पति के सामने ही स्वीकार किया कि उन्हें उनका पति धरने में भेजता था। हालांकि महिलाएं पहले तो अपने पति के सामने यह सब बोलने में झिझकती नजर आईं, लेकिन थोड़ी देर में उन्होंने सारा सच उगल दिया। यह भी पता चला है कि धरने में शामिल महिलाएं नगला पटवारी, फिरदौस नगर, भमोला, जीवनगढ़, रेलवे लाइन के पास की झुग्गियों में रहने वाली हैं।

मालूम हो कि लगातार चल रहे धरने व उपद्रव में नगला पटवारी, फिरदौस नगर, भमोला, जीवनगढ़ आदि क्षेत्रों के फेरी वालों की भूमिका पर भी पुलिस को शक है। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद पुलिस प्रशासन के अधिकारी इन्हें चिन्हित करने के प्रयास में जुट गये हैं। इन सभी को शांतिभंग के नोटिस जारी किए जाएंगे। पता चला है कि उन्हें खाना और पैसे का लालच देकर धरने में रोजाना बैठाया जा रहा था। उन्हें धरने में भेजने वाले और खाना व पैसे बांटने वालों का पता लगाने की कोशिश जारी है। मालूम हो कि सीएए व एनआरसी के विरोध में निषेधाज्ञा के बावजूद धरना प्रदर्शन करने वाले कोतवाली क्षेत्र के दस लोगों पर 110 जी की कार्रवाई हुई है। जीवनगढ़ में धरने में शामिल 250 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं।

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