अद्धयात्म

मृत्यु से पहले जानिए, आप स्वर्ग जाएंगे या नर्क

newpic-1424499180एक यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के साथ सड़क पर चल रहा था। जब वे एक विशालकाय पेड़ के पास से गुजर रहे थे तब उन पर आसमान से बिजली गिरी और वे तीनों उसी क्षण मर गए, परंतु उन तीनों को यह मालूम नहीं हुआ कि वे अब जीवित नहीं है। वे लगातार चलते रहे।
 
कभी-कभी मृत प्राणियों को अपना शरीरभाव छोडऩे में समय लग जाता है। उनकी यात्रा बहुत लंबी थी। सूरज जोरों से चमक रहा था। वे पसीने से तरबतर और बेहद प्यासे थे। वे पानी की तलाश करते रहे। सड़क के मोड़ पर उन्हें एक भव्य द्वार दिखाई दिया जो पूरा संगमरमर का बना हुआ था।
 
तीनों द्वार से होते हुए वे स्वर्ण मढि़त एक अहाते में आ पहुंचे। अहाते के बीचोंबीच एक फव्वारे से आईने की तरह साफ पानी निकल रहा था। 
 
यात्री ने द्वार के पहरेदार से पूछा- 
 
नमस्ते, इस सुंदर जगह का नाम क्या है? 
 
यह स्वर्ग है।
 
कितना अच्छा हुआ कि हम चलते-चलते स्वर्ग में पहुंच गए। हमें बहुत प्यास लगी है।
 
तुम चाहे जितना पानी पी सकते हो।
 
मेरा घोड़ा और कुत्ता भी प्यासे हैं।
 
माफ करना लेकिन यहां जानवरों को पानी पिलाना मना है।
  
यात्री को यह सुनकर बहुत निराशा हुई। वह खुद बहुत प्यासा था लेकिन अकेला पानी नहीं पीना चाहता था। उसने पहरेदार को धन्यवाद कहा  और अपनी राह चल पड़ा। आगे और बहुत दूर चलने के बाद वे एक बगीचे में पहुंचे। उसका दरवाजा जर्जर था और भीतर जाने का रास्ता धूल भरा था। 
 
भीतर पहुंचने पर उसने देखा कि एक पेड़ की छांव में एक आदमी अपने सर को टोपी से ढंककर सो रहा था। 
 
यात्री ने उससे कहा- नमस्ते, मैं, मेरा घोड़ा और कुत्ता बहुत प्यासे हैं। क्या यहां पानी मिलेगा? 
 
उस आदमी ने एक ओर इशारा करके कहा, वहां चट्टानों के बीच पानी का एक सोता है। जाओ, जाकर पानी पी लो। 
 
यात्री अपने घोड़े और कुत्ते के साथ वहां पहुंचा और तीनों ने जी भरकर अपनी प्यास बुझाई। फिर यात्री उस आदमी को धन्यवाद कहने के लिए आ गया। उसने पूछा-
 
यह कौनसी जगह है?
 
जवाब मिला- यह स्वर्ग है। 
 
स्वर्ग? इसी रास्ते में पीछे हमें एक संगमरमरी अहाता मिला। उसे भी वहां का पहरेदार स्वर्ग बता रहा था। 
 
पहरेदार बोला, 
 
नहीं-नहीं, वह स्वर्ग नहीं है। वह नर्क है। 
 
यात्री अब अपना आपा खो बैठा। उसने कहा, भगवान के लिए यह सब कहना बंद करो। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि यह सब क्या है!
 
उस आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा, नाराज न हो भाई, संगमरमरी स्वर्ग वालों का तो हम पर बड़ा उपकार है। वहां वे सभी लोग रुक जाते हैं जो अपने भले के लिए अपने सबसे अच्छे दोस्तों को भी छोड़ सकते हैं।
 

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