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मोदी बैडमिंटन में दिखा पीवी सिंधु व समीर का जलवा

दस्तक ब्यूरो
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया है। भारत की अगली सायना के नाम से मशहूर पीवी सिंधु ने सैयद मोदी बैडमिंटन में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करते हुए खिताब पर कब्जा किया जबकि पुरुष वर्ग में सबकों चौंकाते हुए भारत के उभरते हुए बैडमिंटन खिलाड़ी समीर वर्मा ने फाइनल अपने नाम किया। दोनों ही खिलाड़ियों ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बैडमिंटन अकादमी में अपने जबरदस्त खेल से अलग समां बांध दिया। हालांकि इस टूर्नामेंट में कई बड़े खिलाड़ियों के नाम वापस लेने से पीवी सिंधु की राह आसान हो गई थी। टूर्नामेंट की सबसे मजबूत दावेदार सायना नेहवाल ने फिटनेस का हवाला देकर टूर्नामेंट से हटने का फैसला कर लिया। उनके इस फैसले के बाद सिंधु का खिताब जीतने का रास्ता एकदम आसान हो गया था। सिंधु ने उम्मीद के मुताबिक हर रांउड को आसानी से क्लीयर करते हुए खिताब जंग में प्रवेश भी कर लिया। जहां उनका मुकाबला इंडोनेशिया की ग्रेगोरिया मारिस्का से था। खिताबी जंग में उमड़े अपार जनसमूह के समर्थन के सहारे पी.वी. सिंधु ने गजब का प्रदर्शन करते हुए इंडोनेशियाई खिलाड़ी को सांस लेने का मौका भी नहीं दिया और ग्रगोरिया मारिस्का को 21-13, 21-14 से पराजित कर अपना पहला सैयद मोदी बैडमिंटन का खिताब अपने नाम किया। इससे पूर्व वह वर्ष 2014 में मोदी बैडमिंटन के खिताबी जंग में पहुंची थी लेकिन सायना ने उन्हें फाइनल में करारी शिकस्त दी थी। दूसरी ओर भारत के युवा खिलाड़ी समीर वर्मा ने सबको चौंकाते हुए खिताब पर कब्जा किया। पी कश्यप की गैरमौजूदगी का फायदा भी समीर वर्मा को मिला क्योंकि कश्यप खिताब के तगड़े दावेदार थे। दूसरी ओर कश्यप के बाद श्रीकांत भी मोदी बैडमिंटन के दावेदार थे लेकिन सेमीफाइनल में उनकी चुनौती समाप्त हो गई। फाइनल में समीर वर्मा की टक्कर साईं प्रणीत से थी। दोनों के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिला लेकिन समीर वर्मा ने बाजी मारते हुए खिताब पर कब्जा जमाया। उद््घाटन समारोह बेहद खास रहा। आयोजकों ने उद्घाटन समारोह के लिए खास तैयारी की। गणेश वंदना और शिव आराधना का विदेशी कलाकारों द्वारा ऐसा शानदार प्रस्तुतीकरण किया गया कि खिलाड़ी से लेकर दर्शक तक सभी झूम उठे।
बाबू बनारसी दास यूपी बैडमिंटन अकादमी में सैयद मोदी इंटरनेशनल ग्रांपी गोल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप का उद्घाटन परंपरागत भारतीय अंदाज में अध्यात्म की थीम के साथ हुआ। इस समारोह का विधिवत उद्घाटन शाम को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने किया। इस अवसर पर भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष डा.अखिलेश दास गुप्ता व यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक रंजन ने परंपरागत तरीके से शुभारंभ किया।
इस उद्घाटन समारोह को दिल्ली-मुंबई बेस जेनिथ डांस टू्रप ने साकार रूप प्रदान किया। कार्यक्रम की शुरूआत में विदेशी कलाकारों द्वारा विघ्नहर्ता भगवान गणेश की स्तुति व शिव वंदना से देशी-विदेशी खिलाड़ियो के सामने भारतीय संस्कृति का एक सुनहरा दृश्य उपस्थित हो गया। इसके बाद देशी-विदेशी कलाकारों के इस गु्रप में दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका व यूक्रेन के कलाकारों ने ऐसी चमक बिखेरी कि उपस्थित जनसमूह ने जोरदार ताली बजाकर उनके करतबों को सराहा। इन विदेशी कलाकारों को भले ही यहां के गानों की भाषा नहीं समझ में आई लेकिन इन गानों पर उनकी थिरकन ने समां बांध दिया। वहीं इन सितारों ने जय हो के गाने पर प्रस्तुति के साथ खिलाड़ियों को जीत के जज्बे के साथ आगे बढ़ने तथा खेल से विश्वशांति की भावना के प्रसार की सीख दी। इन विदेशी कलाकारो ने रस्सी पर लटकते हुए एरियल डांस से माहौल को एकदम रूमानी कर दिया। उसके बाद एलईडी ड्रम पर बजते म्यूजिक के साथ थिरकते हुए कलाकारों के साथ खेल प्रेमी व खिलाड़ी भी झूम उठे। वहीं अफ्रीकी कलाकारों की अफ्रीकन एक्राबेट्स डांस को भी सबने जमकर सराहा।
लक्ष्य सेन में बड़ा खिलाड़ी बनने की क्षमता
भारतीय बैडमिंटन आजकल सुर्र्खियों में हैं। कभी सायना का जलवा तो कभी पीवी सिंधु का दम-खम देखने को मिल रहा है। दोनों ही खिलाड़ियों के बदौलत विश्व बैडमिंटन में भारत का डंका बज रहा है। दूसरी ओर महिला खिलाड़ियों के बाद अब पुरुष खिलाड़ियों ने भी अपनी धाक जमाना शुरू कर दिया है। पी कश्यप और श्रीकांत जैसे खिलाड़ियों ने अपने बैडमिंटन की बदौलत भारत का झंडा बुलंद किया है। अब इसमें नया नाम लक्ष्य सेन का भी जुड़ गया है। इस खिलाड़ी का बैडमिंटन में लोहा जूनियर स्तर पर देखने को मिल रहा है। अभी हाल में लक्ष्य सेन ने जूनियर वल्र्ड में नम्बर वन खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया। इतना ही नहीं, उन्होंने नेशनल चैम्पियनशिप में उपविजेता बनने में भी कामयाब रहे हैं। उत्तराखंड का यह स्टार खिलाड़ी इस समय जूनियर स्तर पर अपने बैडमिंटन के हुनर से भविष्य एक नई आस जगा रहा है। बैडमिंटन की अपार सफलता का श्रेय प्रकाश पादुकोण अकादमी को जाता जहां लक्ष्य सेन बैडमिंटन का हुनर सीख रहे हैं। लक्ष्य ने नेशनल चैम्पियनशिप में अपने गजब के प्रदर्शन की बदौलत भारत के कई बड़े खिलाड़ियों के माथे पर बल ला दिया। अभी कुछ दिन पहले समाप्त हुई नेशनल चैम्पियनशिप में फाइनल में प्रवेश कर सबको चौंका दिया।
लक्ष्य सेन ने पिछले साल ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था जब जूनियर एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता जबकि इसी साल सीनियर रैकिंग का खिताब जीतकर सबको अपनी बैडमिंटन का मुरीद बना दिया। ऐसे में भारतीय बैडमिंटन के लिए यह अच्छी खबर है कि सायना सिंधु के बाद पुरुष खिलाड़ियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। एक दौर था जब भारतीय खिलाड़ी खासकर गोपीचंद और प्रकाश पादुकोण जैसे खिलाड़ी विश्व बैडमिंटन पटल पर अपनी धाक जमाते थे। कुल मिलाकर आने वाले समय में लक्ष्य सेन जैसे खिलाड़ी सीनियर स्तर पर देश का मान बढ़ा सकते हैं। ल्ल

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