अद्धयात्म

यहां होती है कृष्ण और सुदामा की पूजा

l_krishna-sudama-1470130805भोपाल। जब अटूट मित्रता की चर्चा होती है तो श्रीकृष्ण और सुदामा का नाम जरूर आता है। यूं तो कृष्ण के अनेक मित्र थे परंतु सुदामा के साथ उनकी मित्रता की आज पूजा होती है। भारत में एक मंदिर ऐसा भी है जहां कृष्ण और सुदामा की पूजा की जाती है। 

यह मंदिर मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर के नजदीक है। मंदिर का नाम है- नारायण धाम। धार्मिक मान्यता है कि कभी यहां कृष्ण और सुदामा ने शिक्षा पाई थी। गुरु सांदीपनी का आश्रम यहीं स्थित था। कथा के अनुसार एक दिन गुरुमाता ने दोनों को लकडिय़ां लाने के लिए कहा। 

कृष्ण-सुदामा वन में गए और लकडिय़ां इकट्ठी करने लगे। उसी समय घनघोर वर्षा हुई। दोनों मित्र बचाव के लिए अलग-अलग वृक्षों के नीचे छुप गए। इसके बाद की कथा तो प्रसिद्ध है कि सुदामा साथ में लाए चावल खा लेते हैं और कृष्ण के लिए कुछ नहीं छोड़ते। 

शिक्षा पूर्ण करने के कई वर्षों बाद सुदामा कृष्ण से मिलने जाते हैं और श्रीकृष्ण उनके अभाव दूर कर देते हैं। मान्यता है कि जिन वृक्षों के नीचे कृष्ण-सुदामा वन में रुके थे, वे आज भी मौजूद हैं। 

बाद में श्रद्धालुओं ने नारायण धाम में इस मित्रता को भक्ति का रूप देते हुए वहां एक मंदिर का निर्माण कराया। हर साल यहां अनेक श्रद्धालु आते हैं और कृष्ण-सुदामा की अटूट मित्रता की पूजा करते हैं। 

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