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यात्री ने बताई भयानक हादसे की आंखोदेखी, बोला- जहां देखों पड़ी थीं लाशें

शिमला.चौपाल के गुम्मा में हुए बस हादसे में 45 लोगों की मौत हो गई। 47 सवारियों से भरी इस बस में दो लोग जिंदा बचे। इनमें बस कंडक्टर और दूसरा चौपाल का रहने वाला रोहित शामिल हैं। दोनों ने ही बस से कूद कर अपनी जान बचाई। रोहित ने बताया कि 45 लोगों की मौत के इस खौफनाक मंजर को उन्होंने अपनी आंखों से देखा। उन्होंने बताया कि इस घटना को याद करके ही रुह कांप जाती है। मुझे लगा कि ईश्वर सबको सलामत रखेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं तो बच गया, लेकिन कई अपने इस हादसे में मारे गए।मेरी आंखों के सामने ही लोग दम तोड़ रहे थे…
बेबस था, करता भी क्या…
रोहित ने कहा कि उम्र भर वे इस हादसे को नहीं भुला पाएंगे। वह कहते हैं कि मेरी आंखों के सामने ही लोग दम तोड़ रहे थे, मैं बिलकुल बेबस था, करता भी क्या। इस मंजर को देखकर मैं बेसुध हो गया। रोहित ने बताया कि बस पलटे खाते हुए टौंस नदी में समा गई।
 
पिछले साल भी 18 लोग मरे थे…
बस हादसे के बाद मौत का मंजर खौफनाक मंजर था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि चारों तरफ लाशें बिछी हुई थी। कई शवों के शरीर के अंग अलग अलग हो गए थे। ऐसे में प्रशासन को शिनाख्त करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चौपाल के गुम्मा के पास जिस जगह से निजी बस नीचे गिरी, वहां से कुछ दूर पहले पिछले साल एक बस गिर खाई में गिर गई थी। करीब 18 लोगों की मौत हो गई थी।
 
सात हिमाचल और 19 उत्तराखंड के रहने वाले थे…
 
45 लोगों में से देर शाम तक 26 की ही शिनाख्त हो पाई। इनमें सात हिमाचल और 19 उत्तराखंड के रहने वाले थे। गहरी खाई में गिरी बस में हताहत लोगों को सड़क तक पहुंचाने का अभियान देर रात तक चला।

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