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UP: बजट में बुनियादी ढांचे के विकास पर होगा CM योगी का फोकस

लखनऊ: गुरुवार से शुरू हो रहे यूपी विधानमंडल सत्र में अपना चौथा बजट पेश करने जा रही योगी सरकार बुनियादी ढांचे के निर्माण को गति देकर सूबे के विकास को तेज करने का प्रयास करेगी। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पेश किये जाने वाले इस बजट में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ रोजगारपरक योजनाओं पर भी सरकार का फोकस होगा। 18 फरवरी को पेश किए जाने वाले इस बजट का आकार पांच लाख करोड़ रुपये के पार जाएगा।

यूपी के विकास को गति देने के लिए योगी सरकार एक्सप्रेस-वे का नेटवर्क बिछा रही है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को सरकार जहां इस वर्ष के अंत तक यातायात के लिए खोलने का इरादा रखती है, वहीं 29 फरवरी को बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास होने जा रहा है। मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन खरीदकर सरकार इस साल के अंत तक उसका निर्माण भी शुरू करने की मंशा है।

इनके अलावा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और गाजीपुर-बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए भी जमीन अधिग्रहण का काम जारी है। एकसप्रेस-वे का निर्माण सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है और इसके लिए सरकार खजाना खोलेगी। डिफेंस कॉरिडोर में अवस्थापना सुविधाओं के विकास और वहां स्थापित की जाने वाली रक्षा क्षेत्र की इकाइयों को राज्य सरकार की डिफेंस व एयरोस्पेस नीति के तहत प्रोत्साहन देने के लिए भी बजट में मोटी रकम आवंटित होगी। सड़कों-सेतुओं और ऊर्जा क्षेत्र को भी तवज्जो मिलेगी।

सरकार रोजगारपरक योजनाओं को भी आगे बढ़ाएगी। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना पर फोकस बरकरार रहेगा। इसमें कुछ नए कंपोनेंट जोड़े जा सकते हैं। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के अपने एजेंडे को योगी सरकार धार देगी। राम मंदिर के निर्माण और श्री राम की प्रतिमा से जुड़े प्रोजेक्ट के मद्देनजर अयोध्या के लिए बटुआ ढीला करेगी। काशी, मथुरा और विंध्याचल में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार उदारता दिखाएगी।

इसी वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर गांवों और किसानों के लिए भी सरकार दरियादिली दिखा सकती है। कानून व्यवस्था के मोर्चे पर अपनी साख दुरुस्त रखने की कोशिश में जुटी सरकार गृह विभाग पर भी मेहरबान हो सकती है।

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