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यूपी के विधान परिषद चुनाव में एसपी ने जीती 31 सीटें, बीजेपी का खाता भी नहीं खुला

akhilesh-yadav-with-mulayam-singh-yadav_650x400_41457264493दस्तक टाइम्स एजेंसी/लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 28 सीटों के चुनाव में आज सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए 23 सीटों पर कब्जा कर लिया और आठ सीटों पर पहले ही निर्विरोध विजय प्राप्त कर चुकी इस पार्टी को अब उच्च सदन में भी बहुमत हासिल हो गया। इन चुनाव नतीजों से विपक्षी दलों को करारा झटका लगा है। मुख्य विपक्षी दल बीएसपी को जहां महज दो सीटें मिलीं वहीं, बीजेपी खाता भी नहीं खोल सकी।

स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटों में से एसपी के आठ प्रत्याशी बीती 18 फरवरी को ही निर्विरोध घोषित किए गए थे। बाकी बची 28 सीटों के लिए तीन मार्च को हुए चुनाव के घोषित परिणामों के अनुसार एसपी प्रमुख मुलायम सिंह यादव के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ़ में पार्टी प्रत्याशी राकेश यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के राजेश सिंह को पराजित किया। वहीं, बदायूं में एसपी उम्मीदवार बनवारी सिंह यादव ने बीजेपी के जितेन्द्र यादव को हराया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में निर्दलीय प्रत्याशी माफिया डॉन बृजेश सिंह ने एसपी प्रत्याशी मीना सिंह को पराजित किया। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चुनाव क्षेत्र रायबरेली में पार्टी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने जीत हासिल की। बीएसपी को जौनपुर और सहारनपुर सीटों पर कामयाबी हासिल हुई। जौनपुर में उसके प्रत्याशी बृजेश सिंह उर्फ प्रिंस और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर सीट पर महमूद अली ने चुनाव जीता।

इसके साथ ही सत्तारूढ़ सपा को 100 सदस्यीय विधान परिषद में भी बहुमत हासिल हो गया है। इस चुनाव से पहले सदन में एसपी के 27 सदस्य थे। एसपी के आठ प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध घोषित हुए थे। अब एसपी ने चुनाव में 23 सीटें और जीत ली हैं। इस तरह उच्च सदन में उसके सदस्यों की संख्या 58 हो गई है।

वहीं दूसरी तरफ कभी विधान परिषद में बहुमत रखने वाली बीएसपी इस चुनाव में दो सीटें हासिल कर सकी। अब उच्च सदन में उसके सिर्फ 16 सदस्य ही रह गये हैं। इसके अलावा बीजेपी का एक भी प्रत्याशी विधान परिषद चुनाव में कामयाब नहीं हो सका। उच्च सदन में अब उसके पास सात सदस्य हैं।

रायबरेली में दिनेश सिंह के दोबारा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के सदस्यों की संख्या फिर दो हो गयी है। इसके अलावा सदन में शिक्षक दल के पांच, निर्दलीय समूह के छह तथा राष्ट्रीय लोकदल का एक सदस्य है, जबकि पांच सीटें रिक्त हैं।

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