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यूपी में भी कहर बरपा सकता है जमात का कोरोना 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनकी पूरी टीम रात-दिन एक किये है। अधिकारियों कर्मचारियों पर कर्तव्य निर्वहन को लेकर पूरी सख्ती है। जो भी ज़रा सी लापरवाही दिखा रहा है उसपर तत्काल कड़ी कार्रवाई भी बिना देरी की जा रही है। नोएडा से लेकर लखनऊ तक मुख्यमंत्री खुद लगातार मानीटरिंग करके इस महामारी से लोहा ले रहे हैं।

डॉक्टर्स, नर्सेज, पुलिस, प्रशासन, समाजसेवी से लेकर जनप्रतिनिधि तक सब इस कोरोना नामक संकट से सूबे को बचाने में लगे हैं कि कैसे इस महामारी को फ़ैलाने से रोका जाए, वहीं दूसरी और जाहिलियत से भरे, अंधविश्वासी, और कुछ हद तक लकीर-के-फ़कीर, जाने अनजाने में कुछ इंसानियत के दुश्मन बने लोग इसे फैलाने में भी पीछे नहीं रह रहे हैं।

विदेशों से आये कनिका जैसे लोग, अपने काम की जगह छोड़ कर पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में वापस आने वाली भी डी के बाद, अब इसका ताजा उदाहरण दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में, तब्लीगी जमात से निकले लोग हैं जिन्होंने एक बार फिर से पूरे देश और साथ ही हमारे यूपी को भी कोरोना के कहर के डर से कांपने को मजबूर कर दिया है। कहा जा सकता है कि बचने वाले यदि दाल-दाल हैं तो, फैलाने वाले पात-पात पर अपना आघात लगाए छुपे बैठे हैं।

जब पूरी दुनिया में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, भारत भी इस महामारी का सामना कर रहा है। सरकारी जानकारी के अनुसार भारत में कोरोना के संदिग्धों की संख्या 1355 हो गई है, जबकि 45 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है। तब कौन हैं ये इंसानियत के दुश्मन जिन्हे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। क्यों जबतक इन्हे पकड़ा और घसीट कर निकाला नहीं जाता ये बाहर आकर खुद की जांच नहीं करा रहे, और इनका इलाज आखिर क्या है कैसे मानेंगे ये ?

अबतक की सबसे ज्यादा हड़कंप मचा देने वाली खबर देश की राजधानी दिल्ली से आई है, जहां निजामुद्दीन मरक़ज में तबलीगी जमात में शामिल होने गए 24 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। जबकि जमात में शामिल होने आए 6 लोगों की वापस लौटने पर तेलंगाना में मृत्यु हो चुकी है और एक जमाती की जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में मृत्यु होने की सूचना है। जानकारी के अनुसार अबतक कुल 10 मौतें कोरोना के तब्लीगी जमात कनेक्शन से हो चुकी हैं। जबकि करीब 200 लोग दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती हैं।

देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश भी कोरोना की चपेट में है, यहां अबतक 101 लोग कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं, इस जमात में यूपी से 157 लोग शामिल होने गए थे। जमातियों की मौत के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

जमात में शामिल लोगों को तलाश कर निगरानी के आदेश

दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम में शामिल लोगों की कोरोना से मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। इस बीच यूपी के डीजीपी ने 18 जिलों के पुलिस अधिकारियों को इस कार्यक्रम में पहुंचे लोगों की तलाश करने का आदेश दिया है। यूपी के डीजीपी कार्यालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है, ‘तबलीगी जमात के विदेशी प्रचारकों के हजरत निजामुद्दीन में हुए कार्यक्रम में यूपी के जिलों से लोग शामिल हुए थे। सूची में शामिल 18 जिलों के उन व्यक्तियों के कोरोना वायरस से प्रभावित होने के संबंध में उनका प्राथमिकता के साथ कोविड-19 टेस्ट और संक्रमित व्यक्तियों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज मुहैया कराया जाए।

तबलीगी जमात के कार्यक्रम में यूपी के गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों से लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। यूपी डीजीपी की तरफ से आयोजन में शामिल यूपी के लोगों की तलाश और निगरानी का आदेश दिया गया है।

500 विदेशियों सहित 2000 लोग हुए शामिल

देश की राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय में 18 मार्च को एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। बताया जा रहा है कि इसमें तकरीबन 2000 लोगों ने हिस्सा लिया था, जिसमें विदेशी लोग भी थे। अब पता चला है कि इनमें से करीब 300 लोगों को कोरोना हो सकता है। यहां के लोगों को  दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती किया गया है। सरकार ने इस इलाके में रहने वाले लोगों को भी दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में जांच के लिए भर्ती कराया है। सोमवार को दिल्ली में सबसे ज्यादा 25 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए थे, जिनमें से 19 का संबंध इसी कार्यक्रम से था।

क्या होती है तबलीगी जमात जिसका मुख्यालय है निजामुद्दीन ?

तबलीगी का मतलब होता है अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला। वहीं जमात का मतलब होता है समूह। यानी अल्लाह की कही बातों का प्रचार करने वाला समूह। मरकज का मतलब होता है मीटिंग के लिए जगह। दरअसल, तबलीगी जमात से जुड़े लोग पारंपरिक इस्लाम को मानते हैं और इसी का प्रचार-प्रसार करते हैं। एक दावे के मुताबिक इस जमात के दुनिया भर में 15 करोड़ सदस्य हैं।

बताया जाता है कि इस आंदोलन को 1927 में मुहम्मद इलियास अल-कांधलवी ने भारत में शुरू किया था। इसकी शुरुआत हरियाणा के नूंह जिले के गांव से हुई थी। इस जमात के मुख्य उद्देश्य ‘छह उसूल’ (कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग) हैं। एशिया में इनकी अच्छी खासी आबादी है। निजामुद्दीन में इस जमात का मुख्यालय है।

इस जमात का सबसे बड़ा जलसा हर साल बांग्लादेश में आयोजित होता है। इसके अलावा भारत और पाकिस्तान में भी इस जमात का एक सालाना जलसा आयोजित होता है। इन जलसों में दुनिया भर से बड़ी संख्या में मुसलमान शिरकत करते हैं।

समय आगया है कि धार्मिक स्थलों की भी जांच हो

निजामुद्दीन मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्धारा बताया गया कि अबतक 1548 लोगों को मरकज से निकला गया है जिसमे से 441 में कोरोना जैसे लक्षजन पाए गए हैं, इनमे से 24 को कोरोना होने की पुष्टि भी हो चुकी है। सोचने की बात है जब दिल्ली की रिपोर्ट यह है तो हजारों लोग यहां से निकल कर पूरे देश में फ़ैल चुके हैं उन्होंने देश को कितने बड़े संकट में डाला होगा। निजामुद्दीन मरकज की तरह ऐसी जमातों के लिए देश में न जाने कितने केंद्र हैं। अब कहाँ कितने लोग इस महामारी की जांच मात्र से बचने के लिए अपनी जाहिलियत के चलते या हिमाकत के चलते छुपे बैठे होंगे यह कैसे कहा जा सकता है।

राजधानी लखनऊ में ही कोरोना मरीज होने की आंशका के चलते लखनऊ से दिल्ली के निजामुद्दीन तबलीगी जमात में शामिल होने गए लोगों के बारे में पुलिस को सूचना देने के लिए अब लोग भी सामने आ रहे हैं। सहादतगंज पुलिस को आज सूचना दी गई कि कटरा चौराहे से तथा मंसूरनगर एवं यतीमखाने के बीच स्थित मम्मी ज़र्राह वाली गली से भी कुछ लोग जमात में शामिल होने गए थे। इस बीच दिल्ली जमात में शामिल होने गए लखनऊ के 18 लोगों की अभी तक पहचान की जा चुकी है। समय आगया है कि अब धार्मिक स्थलों की भी जाँच की जानी चाहिए, ताकि जाने-अनजाने में इंसानियत के दुश्मन बने इन मूर्खों और धरातों से देश और कौम को बचाया जा सके।

 मुख्यमंत्री आगरा का दौरा बीच में छोड़कर लखनऊ लौटेबुलाई हाईलेवल मीटिंग

निजामुद्दीन मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज आगरा का दौरा बीच में छोड़कर लखनऊ वापस लौट आए और अधिकारियों की हाईलेवल मीटिंग कर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तबलीगी की जमात से जुड़े हुए लोगों की तेजी से तलाश की जाए, वे जहाँ मिले उन्हें तत्काल क्वारंटाइन किया जाए।

डीजीपी हितेशचंद्र अवस्थी की ओर से गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, हापुड़, बिजनौर, बागपत, वाराणसी, भदोही, मथुरा, आगरा, सीतापुर, बाराबंकी, प्रयागराज, बहराइच, गोण्डा और बलरामपुर के पुलिस कप्तानों को अलर्ट जारी कर कहा गया है कि जमात में शामिल होने गए लोगों की मेडिकल जांच करवाकर रिपोर्ट डीजीपी मुख्यालय भेजी जाए।

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