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‘लादेन का सुराग हमने अमेरिका को दिया, चाहते तो खुद भी पकड़ सकते थे’

वॉशिंगटन : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अमेरिकी अफसरों को ओसामा बिन लादेन के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद ही अल कायदा के इस सरगना को अमेरिकी कमांडो ने एबटाबाद में उसके ठिकाने पर मार गिराया था। इमरान खान का यह खुलासा उनके देश में बवाल मचा सकता है। दरअसल, 2011 में लादेन मारा गया था और तब से अब तक यानी 8 साल में पाकिस्तान सरकार, सेना और खुफिया एजेंसी आधिकारिक तौर पर यही कहती आई हैं कि उन्हें लादेन के पाकिस्तान में होने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात के बाद इमरान खान ने समाचार चैनल को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें डॉक्टर शकील अफरीदी की रिहाई के बारे में पूछा गया। डॉक्टर अफरीदी के बारे में कहा जाता है कि उसने सीआईए को लादेन के ठिकाने के बारे में पुख्ता सूचना दी थी। इसके लिए उसने इलाके में फर्जी पोलियो अभियान चलाया था। अफरीदी को बाद में देश के खिलाफ जासूसी के आरोप में सजा सुनाई गई और वह अब भी पाकिस्तान की जेल में बंद है।

अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान सरकार डॉक्टर अफरीदी को फौरन रिहा करे। लादेन 2 मई 2011 को मारा गया था। डॉक्टर अफरीदी की रिहाई के बारे में पूछे गए सवाल पर इमरान ने कहा कि यह भावनाओं से जुड़ा मामला है। क्योंकि शकील अफरीदी को पाकिस्तान में जासूस माना जाता है। हम अमेरिका के सहयोगी थे और हमने ही उन्हें लादेन के बारे में जानकारी दी थी। हम चाहते तो हम भी उसे पकड़ सकते थे। आईएसआई ने जानकारी लीक नहीं कि बल्कि इसे सीआईए के साथ शेयर किया। इसकी वजह से लादेन मारा गया। अगर आप सीआईए से पूछेंगे तो बताएगी कि फोन कनेक्शन के आधार पर ही पहली बार लादेन की लोकेशन मिली थी और उसे अमेरिका से शेयर किया गया था। 2015 में आईएसआई के पूर्व चीफ असद दुर्रानी ने भी कहा था कि आईएसआई को लादेन की लोकेशन पता था। वो 2002 में ही पाकिस्तान आ गया था। हालांकि, पाकिस्तान आर्मी के बेस के निकट यानी एबटाबाद में उसने ठिकाना 2005 में बनाया। दुर्रानी ने कहा कि आईएसआई के दो अफसर लादेन को लेकर अमेरिका से कुछ सौदेबाजी करना चाहते थे।

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